20-21 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा। होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है। शास्त्रों में होलाष्टक का अशुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि विष्णु भक्त प्रह्रलाद को मारने के लिए उसके पिता हरिण्यकश्यप ने अनेक प्रयन्न किए थे। फिर अंत में उसने अपनी बहन होलिका को मारने के लिए भेजा तब भगवान विष्णु ने लगातार 8 दिनों तक भक्त प्रह्रलाद की रक्षा की। इसलिए होली के पहले 8 दिनों को अशुभ माना जाता है।
वहीं दूसरा कारण ज्योतिषीय घटना है होली के कुछ दिनों पहले ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं जिसके कारण काफी मात्रा में नकारात्मक ऊर्जा रहती है। इन दिनों में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। इस महीने की 14 तारीख से होलाष्टक प्रारंभ हो रहे हैं। ये होलाष्टक 21 मार्च फाग तक चलेंगे। होलाष्टकों में किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य करना निषेध है। होलाष्टक समाप्त होने के बाद भी ज्योतिषीय दृष्टि से भद्रा की छाया बनी रहेगी। साथ ही चैत्र कृष्ण पक्ष भी प्रारंभ हो जाएगा।
होलाष्टक में ये काम करना होता है अशुभ
– इन 8 दिनों के दौरान कोई भी विवाह का मुहू्र्त नहीं होता है इन दिनों कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
– इस दौरान गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए साथ ही भूमि पूजन की भी मनाही होती है।
– इसमें किसी प्रकार का हवन आदि का भी आयोजन नहीं करना चाहिए।
– वैसे तो होलाष्टक में शुभ कार्यों के करने की मनाही होती है लेकिन इन दिनों पर देवी-देवताओं की पूजा जरूर करनी चाहिए।
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