भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के सिवन ने शनिवार को कहा कि एजेंसी चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर से अगले 14 दिनों के भीतर संपर्क साधने की भरपूर कोशिश करेगा। इसरो प्रमुख ने कहा कि विक्रम लैंडर की अंतिम स्थिति को सही तरीके से मॉनीटर नहीं किया जा सका था जिसके बाद जमीन से उसका संपर्क टूट गया।
हम अगले 14 दिनों के भीतर एक बार फिर से विक्रम लैंडर को ढूंढ़ कर निकालेंगे और उससे संपर्क बनाने की कोशिश करेंगे। के सिवन ने दूरदर्शन को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें बताईं। यहां उन्होंने माना कि मिशन चंद्रयान -2 शत प्रतिशत सफता के बेहद करीब है।
गौरतलब है कि शनिवार के तड़के सुबह 2:30 बजे के करीब विक्रम लैंडर चंद्रमा की साउथ पोल की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला था लेकिन उसके कुछ ही मिनट पहले वैज्ञानिकों का उससे संपर्क टूट गया। सिवन ने आगे कहा कि चूंकि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर अभी भी सुरक्षित तौर पर चंद्रमा की कक्षा के चारों तरफ घूम रहा है जिसमें पर्याप्त मात्रा में ईंधन है और इसकी आयु साढ़े सात साल तक है।
एजेंसी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि ऑर्बिटर चंद्रमा की हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरें हमें भेजेगा और चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देगा। इसके अलावा चंद्रमा की सतह पर पाए जाने वाले खनिज और साउथ पोल पर पानी की संभावित उपस्थिति का भी पता लगाएगा।
इसरो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बारे में बात करते हुए के सिवन ने बताया कि वे प्रेरणा और समर्थन के स्रोत हैं। उनकी बातों ने हमें प्रेरित किया। उनके भाषण में एक खास बात थी जो मैंने नोट की वो ये थी कि विज्ञान को कभी भी परिणाम पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि प्रयोग पर ध्यान देना चाहिए और प्रयोग ही हमें परिणाम देगा।
गौरतलब है कि 22 जुलाई को सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान 2 को लॉन्च किया गया था। सबसे पहले पृथ्वी की कक्षा में चक्कर काटने के बाद चंद्रयान 2 ने 14 अगस्त को चंद्रमा के लिए अपनी यात्रा शुरू की। मिशन के अंतिम समय तक चंद्रयान की सभी क्रियाएं बेहद सफल रहीं।