आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए चुनी गई भारतीय टीम में 11 साल बाद लौटे युवराज सिंह को उम्मीद है कि वह अगले महीने से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे। चैम्पियंस ट्रॉफी अगले महीने एक जून से 18 जून के बीच इंग्लैंड और वेल्स में खेली जाएगी। युवराज ने 2002 में केन्या के खिलाफ चैम्पियंस ट्रॉफी के जरिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में धमाकेदार पदार्पण किया था और 2006 में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी में भी वह टीम का हिस्सा रहे थे। लेकिन 2009 और 2013 में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी में वह भारतीय टीम में नहीं थे। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की वेबसाइट ने युवराज के हवाले से लिखा है, “मैं 50 ओवर के आईसीसी टूर्नामेंट में भारतीय टीम का हिस्सा बन कर खुश हूं। मेरी कोशिश अपनी टीम को अहम योगदान देने की होगी ताकि हम अपने खिताब की रक्षा कर सकें।” उन्होंने कहा, “आईसीसी के अन्य टूर्नामेंटों की ही तरह यह टूर्नामेंट भी चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि यहां हर टीम द ओवल में फाइनल जीतने के इरादे से आ रही है।”
भारत को चैम्पियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के साथ एक ही ग्रुप में रखा गया है। युवराज का मानना है कि उनकी टीम अपना खिताब बचाने में सफल रहेगी। युवराज ने कहा, “हम मुश्किल ग्रुप में हैं, लेकिन साथ ही हमने एक ऐसी टीम का निर्माण किया है जो बेहद सफल घरेलू सत्र के बाद चैम्पियंस ट्रॉफी में आएगी। हम इस टूर्नामेंट में अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखेंगे ताकि हम आस्ट्रेलिया के बाद इस टूर्नामेंट को लगातार दो बार जीतने वाली दूसरी टीम बन सकें।” युवराज का मानना है कि भारत, इंग्लैंड में खेलते हुए हमेशा घर जैसा महसूस करती है। उन्होंने कहा, “ग्रेट ब्रिटेन चैम्पियंस ट्रॉफी की मेजबानी के लिए अच्छी जगह है। हमें यहां मिलने वाले समर्थन से हमेशा अपने घर जैसा महसूस होता है।”
भारत ने 2013 में महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में यह खिताब जीता था। आने वाले संस्करण में भारत ने उस विजेता टीम के आठ खिलाड़ियों को टीम में जगह दी है। इन आठ खिलाड़ियों में धौनी, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, रोहित शर्मा और उमेश यादव शामिल हैं। धौनी चौथी बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं। पाकिस्तान के शोएब मलिक छठी बार इस टूर्नामेंट में उतरेंगे।