डॉक्टरों ने जब 10 साल के मयंक छवानी (Mayank Chhawani) से कहा कि अब उनकी मां दिशा छवानी (Disha Chhawani) का ब्रेन डेड (Brain Dead) हो गया है।
अब उन्हें नहीं बचाया जा सकता, लेकिन उनके अंगों से किसी दूसरे की जिंदगी बचाई जा सकती है। अपनी मां को दूसरों में जिंदा रखने के लिए मयंक छवानी (Mayank Chhawani) तुरंत ही अंगदान (Organ Donation) के लिए राजी हो गया।
सात वर्ष पहले वो अपने पिता भीष्म छवानी को भी खो चुका है, इसलिए डॉक्टरों को अंगदान (Organ Donation) के लिए 10 साल के मयंक से ही अनुमति लेना पड़ी।
हालांकि इस दौरान परिवार के अन्य सदस्य भी वहां मौजूद थे, लेकिन मयंक छवानी (Mayank Chhawani) का फैसला ही सबसे महत्वपूर्ण था। बताया जा रहा है कि किडनी और अन्य अंगों के खराब हो जाने की वजह से अंगदान नहीं हो सका, सिर्फ आई डोनेशन ही हो सका।
मयंक (Mayank Chhawani) की मां दिशा छवानी (Disha Chhawani) 23 जनवरी को भोपाल के हलालपुर क्षेत्र में बस से उतरते वक्त दुर्घटना की शिकार हो गई थीं।
इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, यहां लगातार वेंटिलेटर पर उनका इलाज चल रहा था, लेकिन 25 जनवरी की सुबह डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड (Brain Dead) घोषित कर दिया।
पति भीष्म के हार्ट अटैक में निधन के बाद दिशा एक बुटिक में काम कर मयंक को पाल रही थीं। दिशा के जाने के बाद अब मयंक की परवरिश की जिम्मेदारी उसके ताऊ जगदीश छवानी ने ली हैं।
पूरा परिवार मयंक छवानी (Mayank Chhawani) के उस निर्णय की सराहना कर रहा है जब उसने अपनी मां के अंगदान (Organ Donation) करने के लिए हां करी थी।