मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की पीडि़ता को चार युवकों ने 13 सितंबर की रात बोलेरो से अगवा किया और उसके साथ चारों युवकों ने चलती कार में दो घंटे तक सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। पीड़िता चीखती चिल्लाती रही और दरिंदे हंसते रहे। घटना को अंजाम देने के बाद उसे घर के पास सड़क पर छोड़कर फरार हो गए।
घटना के बाद गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह दस घंटे तक आइसीयू में रही। रविवार को उसकी हालत थोड़ी सुधरी है। पीडि़ता का मेडिकल कराया गया है, रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि 13 सितंबर की रात बोलेरो से उसे अगवा किया गया। करीब दो घंटे तक बोलेरो शहर के अलग-अलग मोहल्लों में भ्रमण करती रही और इसी दौरान चार युवकों ने चलती बोलेरो में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
घर में अकेली थी
13 सितंबर की रात पीड़िता अपने घर में अकेली थी। उसकी मां बड़ी बेटी के घर गई थी और पिता बाहर रहते हैं। इसलिए बगल के मोहल्ले में रिश्ते की भाभी के घर वह रात में सोने जा रही थी।
वह अपने घर से निकली ही थी कि नजदीक से एक बोलेरो गुुजरी। फिल्मी अंदाज में दो युवक नीचे उतरे और जबरन उसे खींच कर गाड़ी में बैठा लिया। गाड़ी में दो युवक बैठे थे। सभी ने गमछा से मुंह बांध रखा था। गाड़ी में चारों ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
हालांकि पीडि़ता के अनुसार एक-दो युवकों का नकाब खींचकर उसने पहचान कर ली। चारों आरोपित एक ही परिवार के हैं। इनमें दो सगे भाई बताए गए हैं।
जान से मारने की धमकी
पीडि़ता ने बताया कि दो घंटे तक बोलेरो में दुष्कर्म किया। इसके बाद घर के पास लाकर छोड़ दिया। जाते-जाते घटना का जिक्र करने पर जान मारने की भी धमकी दी। पीडि़ता ने हिम्मत दिखाई। घर जाकर भाभी को मोबाइल पर सूचना दी। रात में ही पीडि़ता की भाभी पहुंची। 14 सिंतबर की सुबह पीडि़ता नगर थाने पहुंची।
अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं
लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपितों की तलाश में पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। लेकिन अभी तक आरोपी पुलिस की पहुंच से बाहर है। पीडि़ता के बयान पर चार के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। एसपी जयंतकांत के आदेश पर जांच का जिम्मा महिला थाने की थानाध्यक्ष पूनम कुमारी को दिया गया है।
मोकामा शेल्टर होम से आई थी घर
मुजफ्फरपुर बालिका गृह से मुक्त होने के बाद युवती को मोकामा में शिफ्ट कराया गया था।जानकारी मिलने के बाद परिजन वहां पहुंचे और घर लाया था। पीडि़ता को सात लाख रुपये मुआवजा भी मिला है।
कहा-महिला थानाध्यक्ष ने
पीडि़ता के बयान पर चार लोगों के खिलाफ कांड दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने लड़कियों को परिजनों को सौंपने का दिया है आदेश
पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में यौन शोषण की पीड़ित लड़कियों को वापस उनके परिजनों के पास भेजने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत का आदेश टाटा इंस्टीट्यूट फॉर सोशल साइंसेज ‘(TISS) के फील्ड एक्शन प्रोजेक्ट’ कोशिश ‘की रिपोर्ट पर आया है, जिसमें लड़कियों को उनके परिवारों में वापस भेजने का सुझाव दिया गया था।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के खुलासे में पता चला था कि बालिका गृह में 44 लड़कियों का यौन शोषण किया गया था। वर्तमान में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा इस कांड की जांच की जा रही है। दिल्ली की एक अदालत में यौन शोषण के आरोप में 21 आरोपियों की सुनवाई चल रही है।
इस बालिका गृह कांड का खुलासा मई 2018 में हुआ था। जब बिहार समाज कल्याण विभाग ने एक सामाजिक संस्था TISS की सोशल ऑडिट के आधार पर एक एफआईआर दर्ज की गई थी।
इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद बिहार में तहलका मच गया था। इस कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह मामला पिछले साल जुलाई में सीबीआई को सौंप दिया गया था।
मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद उच्च सुरक्षा वाली पटियाला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि उसके करीबी सहयोगी और कुछ सरकारी अधिकारियों सहित अन्य आरोपी जेलों में बंद हैं।