सार्वजनिक क्षेत्र की चार बीमा कंपनियों ने पिछले एक साल के दौरान एक लाख लोगों को मानसिक रोग से संबंधित बीमा कवर उपलब्ध कराया है। बता दें कि मानसिक स्वास्थ्य सेवा कानून, 2017 पिछले साल 29 मई से लागू हुआ था। इस कानून के तहत बीमा कंपनियां मानसिक बीमारी के इलाज के लिए अन्य बीमारियों की तरह ही चिकित्सा बीमा उपलब्ध कराती हैं। अन्य बीमारियों में जिस तरह बीमा कवर उपलब्ध कराया जाता है, मानसिक रोग में भी उसी आधार पर बीमा कवर उपलब्ध कराना होगा।
उल्लेखनीय है कि अगस्त, 2018 में भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों से कानून के इस प्रावधान का अनुपालन करने को कहा था। वित्त मंत्रालय द्वारा लोकसभा को उपलब्ध कराई गई सूचना में कहा गया है, ‘सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों ने सूचित किया है कि देशभर में करीब एक लाख लोगों को मानसिक रोग के इलाज का बीमा कवर दिया गया है।’
इरडा ने कहा कि पिछले साल अगस्त में उसने इस बारे में सर्कुलर जारी किया था। उसके बाद 110 ऐसे उत्पादों को मंजूरी दी गई है जो मानसिक रोग को कवर करते हैं। मानसिक रोगों के इलाज को लेकर देश में बहुत से लोग नहीं जानते। कई लोग इसे बीमारी नहीं मानते हैं, जबकि इसका इलाज मुमकिन है। ऐसा माना जा रहा है कि अब इससे लोगों के भीतर और जागरूकता आएगी।