1 जुलाई से GST लागू नहीं कर पाएंगे देश के सभी राज्य?

देश में नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था माल एवं सेवाकर जीएसटी को लागू करने के लिए अनिवार्य राज्य जीएसटी को अभी भी सात राज्यों ने पारित नहीं किया है. इनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं जबकि जीएसटी को लागू करने में एक महीने से भी कम वक्त बचा है.अब तक 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश राज्य जीएसटी विधेयक को अपनी संबंधित विधानसभाओं से पारित करा चुके हैं. हालांकि मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल का अब भी राज्य जीएसटी पारित करना बाकी है. इनमें जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन की सरकार है. बाकी सभी गैर-भाजपा शासित राज्य हैं.

1 जुलाई से GST लागू नहीं कर पाएंगे देश के सभी राज्य?

पश्चिम बंगाल केंद्र सरकार से जीएसटी को देरी से लागू करने के लिए कह रहा है और इस मुद्दे को राज्य के वित्त मंत्री ने पिछले हफ्ते हुए जीएसटी परिषद की बैठक में भी उठाया था. जीएसटी संविधान संशोधन के मुताबिक सभी राज्यों को 15 सितंबर 2017 से पहले राज्य विधानसभाओं से राज्य जीएसटी को पारित कराना है.

कैसे होगी जीएसटीएन की सुरक्षा?

केंद्र सरकार को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को सुरक्षा मंजूरी देने के बारे में भी अभी फैसला करना है और वह इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा कर रहा है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, हम जीएसटीएन मुद्दे की अभी समीक्षा कर रहे हैं. जीएसटीएन प्रस्तावित अप्रत्यक्ष कर प्रणाली जीएसटी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा प्रदान करने वाली प्रमुख कंपनी है. जीएसटीएन नॉट फोर प्राफिट निजी कंपनी है जिसमें 51 प्रतिशत हिस्सेदारी पांच निजी संस्थानों एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक, एनएसई स्ट्रेटेजिक इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन व एलआईसी हाउसिंग फिनांस की है. केंद्र सरकार की इसमें 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

कैग करेगा जीएसटीएन का ऑडिट?

अप्रत्यक्ष करों की नई प्रणाली जीएसटी को चलाने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी का पूरा नेटवर्क उपलब्ध कराने वाली कंपनी जीएसटी नेटवर्क के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुये वित्त मंत्री अरण जेटली कह चुके है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) द्वारा इसकी लेखापरीक्षा की जायेगी.

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के अपने साथी सांसद सुब्रमणियम स्वामी की चिंताओं को दरकिनार करते हुये जेटली ने जीएसटी नेटवर्क कंपनी यानी जीएसटीएन के इक्विटी ढांचे का बचाव किया और कहा कि वह इसमें सरकारी इक्विटी 49 प्रतिशत रहने में कुछ भी गलत नहीं पाते हैं. स्वामी जीएसटीएन के इक्विटी ढांचे को लेकर बार बार एतराज व्यक्त करते रहे हैं. स्वामी ने मौजूदा इक्विटी ढांचे के तहत जीएसटीएन को संदेहास्पद संगठन बताया और कहा कि इसमें बड़ा सुरक्षा खतरा है.

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