नशे पर रोक लगाने के लिए हरियाणा सरकार राज्य में अनेक कारगर कदम उठा रही है। इनमें सबसे अहम होली के पर्व पर दवा विक्रेताओं पर शिकंजा कसना भी शामिल है। होली के पर्व के आसपास नशे का कारोबार काफी बढ़ जाता है। दवा विक्रेता भी ऐसे में डाक्टर की पर्ची के बिना ही नशीली दवाओं की बिक्री करते हैं।
विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस विधायक आफताब अहमद के सवाल पर गृहमंत्री अनिल विज ने राज्य की जनता को आश्वस्त किया है कि नशे के कारोबार पर अंकुश लगाए जाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इस क्रम में ही राज्य सरकार ने 25 अगस्त 2020 को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो संगठन स्थापित किया है।
ब्यूरो को हरियाणा में नशा तस्करी की रोकथाम और नियंत्रण के साथ नशे के व्यापार, आपूर्ति, परिवहन, दवाओं के वितरण और नशीले पदार्थों के भंडारण की रोकथाम, नियंत्रण और आपराधिक अभियोग चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। सामान्य कानूनों के चलते पिछले पांच साल में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने में सरकार एक तरह से विफल रही है, इसलिए अब सरकार नशे के कारोबार को ध्वस्त करने का लक्ष्य तय कर चुकी है।