मैरी ज्यां पियरे ने एक होटल में करीब 6 साल काम किया। 2015 में उसके किचन मैनेजर ने मैरी को रविवार को बुलाए जाने की मांग रखी, जिसे होटल प्रबंधन ने स्वीकार कर लिया। वही मैरी एक चर्च की सदस्य हैं। यह ग्रुप गरीबों की मदद करता है। मैरी ने दायर केस में दावा किया कि अपनी धार्मिक मान्यताओं के चलते वह रविवार को होटल में काम करने में असमर्थ थीं।

ऐसे किया केस दायर
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुरुआत में मैरी ने रविवार को छुट्टी लेने के एवज में अपने सहकर्मियों के साथ शिफ्ट बदलने की इजाजत दी गई। होटल प्रबंधन ने मैरी के पादरी का लिखा लेटर मांगा जिसमें स्थिति का जानकारी देने को कहा गया। हालांकि 2016 में मैरी को खराब काम करने का हवाला देकर नौकरी से निकाल दिया गया। वाई 2017 में मैरी ने सिविल राइट्स एक्ट 1964 के उल्लंघन का हवाला देते हुए केस दायर कर दिया।
शहर के एक होटल में बर्तन धोने का काम करने वाली एक महिला को 21 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है। होटल ने महिला को रविवार को चर्च जाने के बजाय काम पर बुलाया था। लिहाजा महिला ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था।
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