तेलंगाना में हैदराबाद निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने निकाय चुनाव में बढ़त हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा दिया. बीजेपी ने पार्टी के कद्दावर नेताओं को प्रचार अभियान में उतार दिया है.

निकाय चुनाव में जहां ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बीजेपी पर जमकर निशाना साध रहे हैं वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने ओवैसी की पार्टी से अलग होकर सभी 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के बेटे कलवकुंतला तारक रामा राव ने हैदराबाद निकाय चुनाव अकेले दम पर लड़ने की बात कही है. केटीआर ने कहा कि टीआरएस सभी 150 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और एमआईएम को उसके गढ़ में मात देगी. एमआईएम से अलग होने की टीआरएस के फैसले की बड़ी वजह बीजेपी के प्रभाव को माना जा रहा है.
बता दें कि हाल के कुछ दिनों में टीआरएस और एमआईएम के रिश्तों में तनाव देखने को मिला है. ओवैसी की पार्टी के विधायक मुमताज अली खान ने केटीआर को ‘तोता’ करार दिया था और उन्हें चेतावनी दी थी कि यदि उनकी पार्टी चाहेगी तो दो महीने के भीतर टीआरएस सरकार को सत्ता से हटा सकती है.
इस बीच, सीनियर और जूनियर ओवैसी दोनों हैदराबाद निकाय चुनाव में अपने पार्टी उम्मीदवारों के लिए जोरशोर से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. एमआईएम विधायक मुमताज अली के बाद जूनियर ओवैसी ने भी टीआरएस पर निशाना साधा था. एक जनसभा को संबोधित करते हुए एमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि उनकी पार्टी ने हमेशा बीजेपी का विरोध किया लेकिन टीआरएस ने संसद के अंदर उनका समर्थन किया. अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा, उन्होंने (टीआरएस) कभी हमारी बात नहीं सुनी, अब वे बीजेपी के बड़े विरोधी बनने की कोशिश कर रहे हैं.
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