झारखंड की नई सरकार में मंत्री पद पाने के लिए दिग्गजों की गणेश परिक्रमा शुरू हो गई है। हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में जगह बनाने के लिए बुधवार को कवायद तेज रही।
उनकी कैबिनेट में झारखंड मुक्ति मोर्चा कोटे से पांच, कांग्रेस से पांच और राजद से एक मंत्री के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार भी गर्म रहा।
कांग्रेस पार्टी की ओर से हेमंत सरकार में मंत्री पद को लेकर आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, राजेंद्र प्रसाद सिंह, बन्ना गुप्ता आदि का नाम लिया जा रहा है।
इसके अलावा कांग्रेस के अन्य विधायकों ने भी अपने संपर्क सूत्रों को खंगाला है। झारखंड मुक्ति मोर्चा का शीर्ष नेतृत्व अपेक्षाकृत युवा विधायकों को मंत्री पद की जिम्मेदारी देने के पक्ष में है। ऐसे में इस बार विधायक चुने गए नौजवान विधायकों ने भी अपने-अपने तरीके से लॉबिंग शुरू कर दी है।
झामुमो के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में मंत्रालय को लेकर अभी से लॉबिंग शुरू हो चुकी है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी से लेकर राहुल गांधी के प्रिय लोगों तक विधायकों का पहुंचना शुरू हो गया है और इसके साथ ही नए विधायकों के लिए सक्रिय लोगों ने काम भी करना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस अब तक के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर भले ही आलाकमान के सामने दुविधा की स्थिति पेश कर रहा हो लेकिन पहली बार बने विधायकों को देख लें तो मंत्री चुनने में पार्टी के सामने कहीं परेशानी ही नहीं है।
पार्टी के 16 विधायकों में से आठ तो पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं और इनमें से भी कई के लिए यह पहला चुनाव भी था। सो, ऐसे विधायक दबाव बनाने की स्थिति में नहीं हैं। इसके अलावा लॉबिंग उन्हीं की ओर से हो रहा है जो पूर्व में मंत्री रह चुके हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। समारोह मोरहाबादी मैदान में होगा। इस मौके पर कई दिग्गज राजनेताओं के मौजूद रहने की संभावना है।
मंगलवार को हेमंत सोरेन ने 50 विधायकों का समर्थन पत्र राजभवन जाकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को सौंपा। इस मौके पर उनके साथ विधायकों के अलावा झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन, कांग्रेस पर्यवेक्षक टीएन सिंहदेव, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, सह प्रभारी उमंग सिंघार, कांग्रेस नेता अजय शर्मा भी मौजूद थे।