हिंदुस्तान का एक मात्र ऐसा मंदिर जहाँ चोरी करने से होती है पुत्र की प्राप्ति, प्राचीन परम्परा के बारे में जानकार हो जाएँगे आप दंग…

इस दुनिया में कई ऐसी कई अजीबो गरीब प्रथायें तो कुछ अजीब स्‍थान भी है, जिनके संबंध में सुनकर आप भी एक बार सोचने लगेंगे कि आखिर ऐसा भी हो सकता है। आपको बता दें कि हिन्‍दुस्‍तान का एक मात्र ऐसा मन्दिर है, जहां चोरी करने से पुत्र प्राप्ति होती है, ऐसी वहां की मान्‍यता है, आप लोगो को सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा। आइए देखते है, आखिर पूरा मामला क्‍या है?

दरअसल इस बात में तो कोई दो राय नही है,कि हिन्‍दुस्‍तान एक धर्मिक देश है, हमार देश में सभी धर्म के लोग मिल जुल कर रहते है, साथ ही आपको बता दें कि सभी धर्म के लोगों की अलग अलग मान्‍यतायें और परम्‍परायें भी है, जिसे दूसरे धर्म के लोग भी अच्‍छे से समझते है,  पर आज हम जिस स्‍थान की बात कर रहे है, उसके संबंध में सोशल मीडिया पर इन दिनो काफी चर्चा हो रही है। आपको बता दे कि दुनिया में प्रसिद्ध उत्‍तरा खंड के संबंध में आप सब काफी पहले से जानते होगे, इस मन्दिर के संबंध में किसी को अधिक जानकारी बताने की आवश्‍यकता नही है। यहां की मान्‍यता है, कि यहां ईश्‍वर का वास है।

आपकी जानकारी के लिये बता दे कि उत्तराखंड के चुड़ियाला गाँव में सिद्धपीठ चूड़ामणि देवी का मंदिर स्थित है,  बता दें इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि सुनकर आपको यक़ीन नहीं होगा,दरअसल इस धार्मिक स्थल पर जो भी लोग आते हैं, उन्हें अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए पहले चोरी करनी पड़ती है। आप इस बात पर जल्‍द विश्‍वास नही करेगें पर वहां की यही सत्‍यता है। इसके पीछ एक प्रचलित कहानी भी है, जो कुछ इस प्रकार से है….

प्रचलित कहानी :   इस मंदिर का निर्माण लंढौरा रियासत के राजा द्वारा 1805 ईसवी में करवाया गया था, इस मंदिर के संबंध में ऐसा माना जाता है,कि एक बार राजा जंगल में शिकार पर निकले हुए थे, वहाँ उस जंगल में उन्हें माता की पिंडी के दर्शन हुए, राजा पिंडी को देखकर उसे अपने महल में ले आए और महल में माँ पिंडी की पूजा करनी शुरू कर दी, उस समय राजा के पास कोई पुत्र ये पुत्री नहीं था, राजा ने पुत्र प्राप्ति के लिए माता से खूब प्रार्थना की,

माँ से राजा की लालसा देखी नहीं गई और माता ने उसकी प्रार्थना सुन ली और उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दे दिया,राजा ने पुत्र प्राप्ति के बाद माता के इस मंदिर का निर्माण खुद से करवाया, उसके बाद से ही इस मंदिर में पूजा करने के लिए बहुत दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं,अपनी मनो कामना पूरी होने के लिए माता से मन्नत मांगते थे,बहुत समय से इस मंदिर में चोरी की परम्परा लोगो के दोबारा चली आ रही है.

इस मंदिर में लोग पुत्र प्राप्ति की मनोकामना के लिए देश और विदेश के कोने-कोने से आते हैं,यहाँ ऐसी मान्यता है कि अगर आप पुत्र प्राप्ति की मनोकामना रखते हैं तो पहले आपको माता के चरणों में रखा लोखड़ा यानी गुड्डा चुराकर ले जाना होता है,ऐसा करने से पुत्र धन की प्राप्ति होती है, जब कभी किसी दम्पति को पुत्र की प्राप्ति होती है तो उसे माता के चरणों में एक लोखड़ा चढ़ाना पड़ता है यही वजह हैं की लोग यहाँ इस मंदिर में चोरी करने पर मजबूर हो जाते हैं। इस संबंध में आप लोगों के क्‍या विचार है? कमेंट बॉक्‍स में अवश्‍य लिखें।

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