विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बुधवार को एक संसदीय समिति को बताया कि बांग्लादेश ने अपने यहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में लिप्त अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने विदेश मामलों से संबंधित स्थायी संसदीय समिति को यह जानकारी दी। विदेश सचिव कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष उपस्थित हुए।
कई सांसदों ने मिसरी से शेख हसीना के बारे में पूछा
बैठक के बाद थरूर ने पत्रकारों से कहा, ‘विदेश सचिव कल वहां (बांग्लादेश) से लौटे। इसलिए वह हमें पूरी जानकारी देने में सक्षम थे। सभी महत्वपूर्ण प्रश्न जिनकी आप कल्पना कर सकते हैं, सांसदों और समिति के अध्यक्ष द्वारा पूछे गए। 21-22 सांसदों ने बैठक में भाग लिया और कई प्रश्न पूछे गए और विदेश सचिव ने व्यापक रूप से उत्तर दिए।’
जबकि सूत्रों ने कहा कि कई सांसदों ने मिसरी से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में रहने की स्थिति के बारे में पूछा। हालांकि प्रश्नों पर मिसरी का क्या जवाब, इस बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है।
विदेश सचिव ने सोमवार को ढाका का दौरा किया था
यह समझा जाता है कि मिसरी ने समिति को यह भी बताया कि खबरों के विपरीत, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने भारत के साथ किसी भी द्विपक्षीय समझौते की समीक्षा के बारे में बात नहीं की। विदेश सचिव ने सोमवार को ढाका का दौरा किया था। उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हमलों का मुद्दा उठाया था और उनकी सुरक्षा को लेकर भारत की चिंता से अवगत कराया था।
केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील
आरएसएस ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जाहिर की है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि केंद्र सरकार को बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए और ठोस कदम उठाने चाहिए।
नागपुर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उससे हर हिंदू को आक्रोशित होना चाहिए।’ बता दें कि ‘सकल हिंदू समाज’ के तले कार्यक्रम का आयोजन बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध, जैन और अन्य समुदायों के खिलाफ हो रहे हमलों की निंदा करने के लिए आयोजित किया गया था।
उन्होंने ये भी कहा कि हमारे मंदिरों को जलाया जा रहा है, लूटा जा रहा है, महिलाओं पर अत्याचार किया जा रहा है। जो कुछ हो रहा है, उससे हर हिंदू को आक्रोशित होना चाहिए। घटनाओं की निंदा करना और परेशान होना ही काफी नहीं है। हमें गुस्से और दुख से आगे बढ़ना होगा।