एजेंसी/नागौर (राजस्थान).आरएसएस की ड्रेस बदल गई है। रविवार को नागौर में हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नेशनल मीटिंग में सर सहकार्यवाह भैयाजी जोशी ने इस बदलाव का एलान किया। उन्होंने कहा, ”हम वक्त के साथ बदलते रहेंगे। खाकी हाफ पैंट के बदले स्वयंसेवक फुल भूरे रंग की पैंट पहनेंगे।” लंबे वक्त के बाद ड्रेस में यह बदलाव हुआ है। जोशी ने कहा- जेएनयू का माहौल चिंता का कारण…
– मीटिंग के बाद जोशी ने कहा, ”जेएनयू की घटना इस देश के लिए चिंता का विषय है।”
– ”विश्वविद्यालय के परिसर में संसद पर हमला करने वाले व्यक्ति का सपोर्ट किया जा रहा है, इसे क्या मानें?
– ”देश के टुकड़े करने का नारा लगाने वाले समूह के नेतृत्व करने वालों को क्या कहेंगे?”
– ”कानून अपना काम करेगा, सोचना ये चाहिए इस प्रकार के वातावरण को पनपने किसने दिया, पोषण किसने दिया? ये राजनीति का विषय नहीं है।”
– ”विश्वविद्यालय के परिसर में संसद पर हमला करने वाले व्यक्ति का सपोर्ट किया जा रहा है, इसे क्या मानें?
– ”देश के टुकड़े करने का नारा लगाने वाले समूह के नेतृत्व करने वालों को क्या कहेंगे?”
– ”कानून अपना काम करेगा, सोचना ये चाहिए इस प्रकार के वातावरण को पनपने किसने दिया, पोषण किसने दिया? ये राजनीति का विषय नहीं है।”
तीन बार बदल चुकी है ड्रेस
– संघ के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा, ”संघ में गणवेश (ड्रेस) के बदलाव को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी।”
– ”2010 में बैठक के दौरान ड्रेस में बदलाव को लेकर प्रस्ताव आया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।”
– ”इसी कारण इस पर पांच साल तक चर्चा करने का फैसला किया गया। मार्च, 2015 में फिर यही प्रपोजल आया।”
– मनमोहन वैद्य ने बताया कि इससे पहले 3 बार ड्रेस में बदलाव हो चुका है।
– पहले संघ की ड्रेस में पैंट शामिल था, बाद में इसकी जगह निकर शामिल किया गया।
– सबसे पहला बदलाव 1939 में हुआ था, उस समय खाकी शर्ट का रंग सफेद किया गया।
– 2010 में चमड़े की जगह कैनवस बेल्ट ने ली।
– संघ के 90 साल के इतिहास में सिर्फ टोपी आज तक नहीं बदली है।
– पहले संघ की ड्रेस में पैंट शामिल था, बाद में इसकी जगह निकर शामिल किया गया।
– सबसे पहला बदलाव 1939 में हुआ था, उस समय खाकी शर्ट का रंग सफेद किया गया।
– 2010 में चमड़े की जगह कैनवस बेल्ट ने ली।
– संघ के 90 साल के इतिहास में सिर्फ टोपी आज तक नहीं बदली है।