बिटिया के भाई ने पुलिस और प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है। भाई का कहना है कि दो दिन परिवार नजरबंद रहा। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने सारे सबूत नष्ट कर दिए हैं। साथ ही जिलाधिकारी की ओर से धमकी भी दी जा रही है कि बार-बार बयान मत बदलो। मृतका के भाई ने मीडिया को बताया कि पिछले तीन दिनों से हम पुलिस के साये में थे। स्थिति ऐसी रही कि हमें खाने-पीने की भी बहुत दिक्कत हो रही थी।
पुलिस प्रशासन ने बहन का चेहरा तक नहीं देखने दिया। जब बहन का अंतिम संस्कार हुआ तो पूरा पुलिस प्रशासन मौजूद था। पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। पुलिस प्रशासन ने सभी सबूतों को नष्ट कर दिया है।
अब पुलिस कह रही है कि पोस्टमार्टम में सामान्य रिपोर्ट आई है, हड्डी टूटी नहीं तो इसे क्या समझा जाए। पुलिस ने पिछले दो दिनों में मोबाइल फोन को बंद करा दिया गया और नंबरों को टेप किया जा रहा है।
परिजनों का यह भी कहना है कि आरोपी पक्ष जो आरोप लगा रहा है कि हमने उन्हें झूठा फंसाया है, यह गलत है। अगर फंसाया जा रहा है तो फिर हमारी बहन को किसने मार दिया। हमने एसआईटी टीम को सबकुछ हकीकत बता दी है।
बिटिया के अंतिम संस्कार के तीन बाद परिजनों ने देर शाम अस्थियां एकत्रित कीं। सुबह परिजनों का यह कहना कि जब उन्हें यह मालूम ही नहीं कि शव किसका है तो वह अस्थियां क्यों एकत्रित करें। लेकिन देर शाम परिजनों ने अस्थियां एकत्रित कर लीं। बिटिया के भाई का कहना था कि जब तक दोषियों को फांसी नहीं होगी, वह अस्थियों का विसर्जन नहीं करेगा।
आरोपी लवकुश की मां ने मृतका के घर के बाहर पहुंच कर प्रशासनिक अधिकारियों के सामने न्याय की गुहार लगाई। आरोपी की मां का कहना था कि पैसों व मकान के लालच में मां और बेटे ने बिटिया की हत्या कर दी। इनको फांसी दो। मुझे मेरे बेटे चाहिए। मैं न्याय लेकर ही रहूंगी। उन्होंने कहा कि मैं मौके पर थी। मैंने अपने बेटे से ही बिटिया को पानी पिलवाया था। पानी पिलाना ही मेरे बेटे के लिए जहर बन गया।
जिस समय से ये घटना हुई मेरा बेटा मेरे साथ चारा काट रहा था। पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई कर मेरे बेटे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। मेरे बेटे को घर से यह कहकर ले गए कि पूछताछ करनी है और फिर उसे जेल भेज दिया है। वह बेकसूर है। उसकी मां वहां मौजूद थी, अगर उसकी बेटी को मारा जाता तो वह आवाज नहीं लगाती।