हाथरस की बेटी के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मचा तहलका सामने आया ये सच …

दरिंदगी की शिकार हुई हाथरस की बिटिया के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार शाम को यूपी पुलिस को सौंप दी गई। सफदरजंग अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग ने सेक्टर-20 नोएडा के इंस्पेक्टर आर के सिंह को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि युवती की गर्दन के साथ शरीर में कई जगह फ्रैक्चर थे। स्पाइन को गर्दन से जोड़ने वाली हड्डी में फ्रैक्चर होने की बात कही गई है। फॉरेंसिक विभाग ने युवती के शव का विसरा भी सुरक्षित रख लिया है और उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही नाखून और वेजाइनल स्वैब को भी सुरक्षित रखा गया है।

हालांकि सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर व पुलिस अधिकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर ज्यादा कुछ बोल नहीं रहे हैं।  वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि दुष्कर्म होने के 15 दिन के अंदर ये पता लगाया जा सकता है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ या नहीं।

सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि युवती को जब भर्ती कराया गया था उस समय उसकी हालत बेहद नाजुक थी। युवती का ब्लड प्रेशर भी कम था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के एक मेडिकल बोर्ड ने किया। बोर्ड ने फॉरेंसिक विभाग को रिपोर्ट दी। इसके बाद यूपी पुलिस को सीलबंद लिफाफे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार शाम को सौंप दी गई।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों के कहने पर परिजनों ने शुरू में शव लेने से मना कर दिया था। परिजनों ने मना किया तो यूपी पुलिस ने भी शव लेने से मना कर दिया। काफी देर समझाने के बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए थे।

एक टीम बिटिया के शव को लेकर हाथरस स्थित उसके गांव गई। साथ में बिटिया के पिता, भाई व यूपी पुलिस के अधिकारी थे। दूसरी टीम भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर को छोड़ने यूपी गई थी। चंद्रशेखर को जेवर टोल प्लाजा पर छोड़ा था।

तीसरी टीम बिटिया के अन्य परिजनों को लेकर मंगलवार शाम को उनके गांव छोड़ने गई थी। साथ में यूपी पुलिस अधिकारी मौजदू थे। दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी  देवेन्द्र आर्या का कहना है कि सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को प्रदर्शन हुआ था। उस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।

 

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