अक्सर आप तनाव में रहते हैं? निराशा, उदासी या फिर परेशानी आपको सारा दिन घेरे रहती है? तो ‘डैश डाइट’ अपनाकर देखिए। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि जो लोग डैश डाइट का सेवन करते हैं, उनमें 11 फीसदी तक डिप्रेशन का खतरा कम हो जाता है
शोध में कहा गया है कि जो लोग वेस्टर्न डाइट जैसे प्रोसेस्ड फूड, शुगर या फिर जंक फूड आदि का सेवन अधिक करते हैं, उनमें मानसिक सेहत से संबंधित समस्याएं होने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। कई अन्य शोध यह दर्शाते हैं कि हेल्दी भोजन आपके मूड और ऊर्जा को भी दुरुस्त करते हैं। इससे पहले कि आप सेहत से जुड़ी इन समस्याओं के गिरफ्त में आकर दवाओं का सेवन करने लगें, बेहतर होगा कि अपने डाइट में थोड़ा बदलाव लाएं।
क्या है डैश डाइट: डैश डाइट में फलों, सब्जियों, नट्स, लीन मीट, होल ग्रेन्स और मछली का सेवन अधिक शामिल होता है। इसमें प्रोसेस्ड फूड, मीठे पेय पदार्थ, नमक और रेड मीट शामिल नहीं होते। अमेरिका में हुए एक अध्ययन के अनुसार, डैश डाइट अपनाने से मेंटल-हेल्थ डिसऑर्डर के होने का खतरा 11 फीसदी तक कम हो जाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि डाइट और मेंटल हेल्थ का क्या संबंध है, इसे जानने के लिए अभी और अध्ययन करने की जरूरत है, लेकिन इन शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए दवाओं के बेहतर विकल्प है, जीवनशैली और खानपान में थोड़ा सा बदलाव लाना। पहले हुए कई शोध दर्शाते हैं कि ताजे फलों-सब्जियों के सेवन से मानसिक सेहत में सकारात्मक ढंग से सुधार आता है।