प्रदेश भर के शस्त्रागारों से कुल 14 हथियार गायब हैं। इसके बाद चार हथियार बरामद कर लिए गए थे और गायब हथियारों की संख्या 10 रह गई थी। कई महीने बीतने के बाद अब हाईकोर्ट को बताया गया कि एक हथियार और बरामद कर लिया गया है।
पंजाब के शस्त्रागारों से हथियार गायब होने के मामले में स्पेशल इन्वेटिगेशन टीम (एसआईटी) ने रिपोर्ट देकर बताया कि एक हथियार बरामद कर लिया गया है। हाईकोर्ट ने इस पर एसआईटी को फटकार लगाते हुए कहा कि आखिर क्यों 10 में से केवल एक ही हथियार बरामद किया जा सका है। हाईकोर्ट ने एसआईटी को आखिरी मौका देते हुए अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए दलजीत सिंह ने हाईकोर्ट को बताया गया था कि सूबेदार मेजर मलावा सिंह को लाइसेंस किया गया था और उन्होंने इसे तरनतारन पुलिस स्टेशन में सरेंडर करवा दिया था। आरोप के अनुसार बख्शीश सिंह ने चोरी से इस हथियार को वहां से गायब कर दिया। कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में तब आया जब इस हथियार को अपने रिश्तेदार का बताते हुए इसका कब्जा दिलाने के लिए दिलजीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।
हाईकोर्ट में तरनतारन के एसएसपी ने हलफनामा दाखिल किया तो उसमें भी रिकवरी को लेकर गोल-मोल जवाब दिया। हाईकोर्ट ने कहा था कि शस्त्रागार से एक शस्त्र गायब है जिसे खोजने में अभी तक पुलिस नाकाम है जो दयनीय स्थिति को दर्शाता है। कोर्ट ने इस पर पंजाब के डीजीपी को पूरे पंजाब के शस्त्रागार में मौजूद हथियारों का ब्योरा सौंपने का आदेश दिया था।
इसके बाद हाईकोर्ट को सरकार ने बताया था कि प्रदेश भर के शस्त्रागारों से कुल 14 हथियार गायब हैं। इसके बाद चार हथियार बरामद कर लिए गए थे और गायब हथियारों की संख्या 10 रह गई थी। कई महीने बीतने के बाद अब हाईकोर्ट को बताया गया कि एक हथियार और बरामद कर लिया गया है। हाईकोर्ट ने एक बार तो एसआईटी के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश का मन बना लिया था, लेकिन सरकारी वकील के निवेदन पर अब एसआईटी को आखिरी मौका दिया है।
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