दिल्ली सरकार राजधानी के वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा कराएगी। दिल्ली-मथुरा-वृंदावन, दिल्ली-हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ समेत पांच धार्मिक रूट की पहचान भी ली गई है। एक साल में 77,000 दिल्लीवासी तीर्थ यात्रा पर जा सकेंगे। दिल्ली कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को योजना को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट ने 1000 बस खरीदने समेत तीन अन्य प्रस्तावों पर मुहर लगा है।उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि 60 साल से ऊपर के दिल्लीवासी सरकारी खर्च पर तीर्थ यात्रा करेंगे। इसके लिये पहचान किए गए पांच रूटों पर एसी बसें चलाई जाएंगी।
यात्रा खर्च के साथ मुसाफिरों के रहने के अलावा नाश्ता सहित दोपहर व रात के खाने का खर्च भी सरकार उठाएगी। हर यात्री का 2 लाख रुपये का बीमा भी कराया जाएगा। दिल्ली की हर विधानसभा से एक साल में 1,100 लोग योजना का फायदा ले सकेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार जल्द ही योजना लांच करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को योजना का सीधा फायदा मिलेगा। खर्च की वजह से उनकी तीर्थ यात्रा पर जाने की मंशा अधूरी नहीं रहेगी।
ऑनलाइन व ऑफलाइन कर सकेंगे आवेदन
तीर्थ यात्रा विकास समिति के कमल बंसल ने बताया कि आवेदन करने की प्रक्रिया तय की जा रही है। लोगों को ऑनलाइन आवेदन करने का विकल्प मिलेगा। इसके अलावा स्थानीय विधायक, डीसी ऑफिस व तीर्थयात्रा विकास समिति में किसी एक जगह आवेदन जमा कर सकेंगे। नियत संख्या से ज्यादा आवेदन मिलने पर सरकार ड्रा निकालेगी। जिनका ड्रा निकलेगा वह यात्रा पर जाएंगे। बाकी की वेटिंग लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
इन पांच रूट पर 3 दिन व 2 रातों की यात्रा मुफ्त
-दिल्ली-मथुरा-वृंदावन।
-दिल्ली-हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ।
-दिल्ली-पुष्कर-अजमेर।
-दिल्ली-अमृतसर-बाघा-आनंदपुर साहिब।
-दिल्ली-वैष्णो देवी-जम्मू।
उभरती खेल प्रतिभाओं को आर्थिक सहायता
दिल्ली सरकार उभरती खेल प्रतिभाओं को आर्थिक सहायता देगी। इससे संबंधित प्रस्ताव को भी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के तहत अंडर-14 वर्ग के छात्रों के बच्चों को 2 लाख रुपये तक की राशि यात्रा, खाने-पीने आदि पर खर्च होगी।
वहीं, एक लाख रुपये कोचिंग के लिए दिए जाएंगे। जबकि अंडर-17 के बच्चों के लिए यह राशि क्रमश: 3 लाख व एक लाख रुपये तक होगी। बच्चों का 5-5 लाख रुपये का स्वास्थ्य व दुर्घटना बीमा भी होगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि एक आकलन के मुताबिक ऐसे करीब 600 बच्चे हैं, जिनको इस स्कीम का फायदा मिल सकेगा। आगे यह आंकड़ा बढ़ता जाएगा। उभरती प्रतिभाओं के चयन व फंडिंग की प्रक्रिया तय करने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी बनेगी। स्कीम में फिलहाल 14 खेलों को शामिल किया गया है।
कला के लिए खुलेंगे स्कूलों के दरवाजे
दिल्ली सरकार गायन, वादन, नृत्य, थियेटर, फाइन आर्ट, क्राफ्ट आदि कलाओं की ट्रेनिंग देने वालों के लिए अपने सरकारी स्कूलों के दरवाजे खोल रही है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। निजी एकेडमी चलाने वाले, एनजीओ के जरिये ऐसी ट्रेनिंग देने वाले या निजी तौर पर ट्रेनिंग देने वाले लोग इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। दिल्ली सरकार साहित्य कला परिषद की मदद से आवेदकों को चयन करेगी। चयनित संस्थाएं शाम को सरकारी स्कूलों की सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगी। हालांकि, इस योजना के तहत 50 फीसदी बच्चे सरकारी स्कूलों के होंगे। संस्थाएं इन्हें मुफ्त में ट्रेनिंग देंगी। बाकी अन्य बच्चों से ये अपने हिसाब से फीस ले सकेंगे।