पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी सैन्य तनातनी के बीच भारतीय सेना चीन की चालबाजी का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सेना एलएसी के अग्रिम मोर्चे पर चीनी सैन्य आक्रामकता बढ़ने की आशंका को भी नजरअंदाज नहीं कर रही है। विशेषकर पैंगोंग झील के दक्षिणी इलाकों में चीनी सेना की किसी भी तरह की कारस्तानी को रोकने के लिए खास सर्तकता बरती जा रही है। इस बीच, पैंगोंग झील के इलाके में बीते पांच दिनों से गहराए सैन्य तनाव का जायजा लेने के लिए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने दो दिन के लद्दाख दौरे पर है।
पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर 29-30 की दरम्यानी रात और 31 अगस्त की रात चीनी सेना की ओर से घुसपैठ की कोशिश के कारण बढ़े तनाव पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत बातचीत से सभी विवादों का हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। चीन की आक्रामक सैन्य रणनीति से किसी तरह दबाव में नहीं आने का संदेश देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि किसी देश को उकसावे की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय का यह रुख इसलिए अहम है क्योंकि पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की ब्लैक टॉप हिल की रणनीतिक चोटी पर भारतीय सेना की मजबूती से चीन बेचैन है।
दूसरी ओर, घुसपैठ की नाकाम कोशिशों के बाद अब भारत पर संप्रभुता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता में चीन इन इलाकों से भारत को सैनिक हटाने के लिए कह रहा है। भारत का स्पष्ट रुख है कि हमारे सैनिक इस क्षेत्र में एलएसी के अपने इलाके में हैं। भारत पैंगोंग झील के उत्तरी इलाकों से चीन को अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए कह रहा है। चीन की कारस्तानी के कारण ही ब्रिगेडियर स्तर की पहले चार दिन हुई वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकल पाया। गुरुवार को पांचवें दिन की बैठक से भी किसी तरह के नतीजों के संकेत नहीं मिले हैं।
सेना प्रमुख ने की समीक्षा
लद्दाख दौरे पर पहुंचे सेना प्रमुख नरवाने ने पैंगोंग झील के संपूर्ण इलाके की सुरक्षा स्थितियों को लेकर स्थानीय कमांडरों के साथ विशेष समीक्षा बैठक की। अग्रिम मोर्चे के कमांडरों ने दुश्मन की चुनौतियों का जवाब देने के लिए सेना की ऑपरेशनल तैयारियों से भी सेना प्रमुख को रूबरू कराया। बुधवार को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में अग्रिम मोर्चे पर वायुसेना की तैयारियों का जायजा लिया था। उन्होंने जवानों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश भी दिया।
कूटनीति से ही निकलेगा समाधान : जयशंकर
एक कार्यक्रम में विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद के हल का रास्ता कूटनीति के गलियारे से ही होकर निकलेगा। उन्होंने जोर दिया कि किसी समझौते पर पहुंचना दोनों देशों के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। सीमा पर जो भी होता है, उसका प्रभाव आपसी संबंधों पर पड़ता है।