वास्तुशास्त्र में मोर पंख को विशेष दर्जा प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि मोर-पंख में सभी देवी-देवताओं और नौ ग्रहों का वास होता है। मोर पंख को यदि घर में सही ढंग से रखा जाए तो घर के वास्तुदोष के साथ ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं मोर पंख से जुड़े कुछ उपायों के बारे में…
सूर्य दोष शांति के लिए: रविवार के दिन नौ मोर पंख लेकर और पंख के नीचे विशेष कर मैरून रंग का धागा बांध लें, इसके बाद इसे एक थाली में पंखों के साथ नौ सुपारियां रखते हुए उस पर गंगाजल छिड़के और 21 बार इस मंत्र का जाप करें- ॐ सूर्याय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:.। इसके बाद आप सूर्य देवता को दो नारियल करें। इससे आपकी कुंडली में सूर्य से संबंधित दोषों से छुटकारा मिलेगा।
चंद्र दोष शांति के लिए : सोमवार को आठ मोर पंख को लेकर, पंख के नीचे सफेद रंग का धागा बांध लें, जिसके बाद इसकों एक थाली में रखकर इसके साथ आठ सुपारियां भी रखें, इस पर गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें. ॐ सोमाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:. इसके साथ पान के पांच पत्ते चंद्रमा को अर्पित करते हुए, सफेद बर्फी का प्रसाद चढ़ाएं। इस प्रकिया से चंद्र दोष से निवारण मिलेगा।
मंगल दोष शांति के लिए: मंगलवार को सात मोर पंख लेकर उसके नीचे लाल रंग का धागा बांध ले, थाली में मोर-पंख के साथ सात सुपारियां रखें। थाली पर गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जाप करें- ॐ भू पुत्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:.। इसके साथ पीपल के दो पत्तों पर चावल रखकर मंगल ग्रह को बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं। इस विधि को करने से मंगल दोष आपके जीवन से दूर हो जाएगा।
बुध दोष शांति के लिए: बुधवार को छ: मोर पंख लेकर, पंख के नीचे हरे रंग का धागा बांध लें। धागे से बंधे पंख को एक थाली में छ: सुपारियां रखें गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जाप करें।ॐ बुधाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:.। इस प्रकिया के बाद आपको जामुन बुध ग्रह को अर्पित करना है, साथ ही केले के पत्ते पर जामुन को रखकर मीठी रोटी का प्रसाद चढ़ा दे।
गुरु दोष शांति के लिए: गुरुवार को पांच मोर पंख लेकर, पंख के नीचे पीले रंग का धागा बांध लें और उसे एक थाली में पंखों के साथ पांच सुपारियां भी साथ रखें. गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार आपको इस मंत्र का जप करना है ॐ बृहस्पते नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:. इसके साथ आपको बृहस्पति देव को ग्यारह केले भी अर्पित करने है, इस प्रकिया के दौरान बेसन का प्रसाद बनाकर गुरु ग्रह को चढ़ा दे, इस विधि को करने से आपके जीवन में गुरु दोष शांत हो जाएगा।
शुक्र दोष शांति के लिए: शुक्रवार को चार मोर पंख लेकर, पंख के नीचे गुलाबी रंग का धागा बांध ले और इसे एक थाली में चार सुपारियां के साथ रखते हुए इस पर गंगाजल छिड़के और 21 बार इस मंत्र का जाप करें- ॐ शुक्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:.। इस प्रकिया को पूरा करने के लिए आपको तीन मीठे पान शुक्र देवता को, गुड़-चने का प्रसाद बनाकर अर्पित करे।
शनि दोष शांति के लिए: शनिवार को तीन मोर पंख लेकर पंख के नीचे काले रंग का धागा बांध लें और इसको एक थाली में तीन सुपारियां के साथ रखें। उस पर गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जाप करना हैं। ॐ शनैश्वराय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा: इस मंत्र के जाप के बाद तीन मिटटी के दीपक तेल सहित शनि देवता को चढ़ा दे। इस प्रकिया में गुलाबजामुन का प्रसाद बनाकर शनि-देव को चढ़ाएं। इस प्रकिया से शनि संबंधी दोष शांत हो जाएगा है।
राहु दोष शांति के लिए: शनिवार को सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख लेकर,पंखों के नीचे भूरे रंग का धागा बांध लें और एक थाली में पंखों के साथ दो सुपारियां रखतें हुए. गंगाजल छिडकर 21 बार इस मंत्र का जाप करें. ॐ राहवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:.। जिसके ब चौमुखा दीपक जलाकर राहु को अर्पित करें। कोई भी मीठा प्रसाद बनाकर चढ़ाएं।
केतु दोष शांति के लिए: शनिवार को सूर्य अस्त होने के बाद एक मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे स्लेटी रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंख के साथ एक सुपारी रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें- ॐ केतवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:. पानी के दो कलश भरकर राहु को अर्पित करें। फलों का प्रसाद चढ़ाएं।