हरियाणा में फसल अवशेष न जलाने की शपथ लेने पर किसानों को कृषि यंत्रों पर 40 से 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। कृषि यंत्रों को लेकर आवेदन करने के लिए विभाग ने पोर्टल खोल दिया है। इस योजना के तहत आने वाले लाभार्थियों का चयन ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से जिलास्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा किया जाएगा।
विभिन्न स्कीमों के तहत कृषि यंत्रों व मशीनों पर अनुदान के लिए योजना किसानों के लिए शुरू हो गई है। किसानों को www.agriharyana.gov.in पर आवेदन करना होगा। आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जिले में विभिन्न स्कीमों के तहत किसानों को इसका फायदा मिलेगा।
इन योजना के तहत 29 प्रकार के कृषि यंत्रों व मशीनों पर 40 से 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। पहले केवल करीब 5 मशीनों पर अनुदान मिलता था। योजना में ड्रॉ के माध्यम से किसानों का चयन होगा। चयनित किसानों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा।
इन मशीनों पर मिलेगा अनुदान
विभिन्न प्रकार के 29 कृषि यंत्रों/मशीनों जैसे पावर विडर, मल्टी टूल बार, ट्रैक्टर चालित साईलेज पैकिंग मशीन, बैटरी व ट्रैक्टर चालित खाद छिड़काव यंत्र टूस्टर मालित जइग्रालिक प्रैस स्ट्रा बेलर एमबी पाऊ, समायजर, मल्टी कॉप बेड प्लास्टर, धान रोपाई मशीन, ट्रैक्टर चालित मशीन ग्रेन क्लीनर कम पेडर, ट्रैक्टर चालित रीपर, मिलेट मशीन, मक्का थ्रेसर (ट्रैक्टर चालित), मक्का शेलर न्यूमेटिक प्लाट मशीन, ऑयल एक्सपेलर पैसे, शुगरकेन कटर मोबाइल कॉटन थ्रेडर (ट्रैक्टर चलित), लोडर/डोजर, काऊ डंक बैरिकट मशीन, पैड़ी मोबाईल ड्रायर लेजर लैंड लेवलर कॉटन सीड ड्रिल, ट्रेक्टर मउटिड स्प्रे पंप पर 40 से 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है।
इस शर्तों को पूरा करना होगा
किसानों द्वारा चालू रबी व खरीफ का मेरी फसल मेरा ब्योरा पर फसल पंजीकरण अनिवार्य है। किसान अधिकतम अलग-अलग दो प्रकार की मशीनी पर लाभ ले सकता है। एक परिवार पहचान पत्र पर केवल एक ही किसान लाभ ले सकता है। ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्रों व मशीनों के लिए किसान (आवेदक) के नाम की आरसी होनी बाहिए। एक किसान अधिकतम दो विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र के लिए अनुदान का पात्र होगा।
चयन प्रक्रिया: चयन के बाद, किसान कृषि यंत्र निर्माताओं से मोल-भाव कर अपनी पसंद के निर्माता से खरीद कर सकते हैं।
इस योजना में पहले केवल दो से तीन मशीनें ही मिलती थी। इस बार मशीनों की संख्या बढ़ाई गई है। वहीं, किसानों को शपथ लेनी होगी कि वह फसल अवशेष नहीं जलाएंगे। उसके बाद ही इस योजना का लाभ मिलेगा। – डॉक्टर गोपी राम, सहायक कृषि अभियंता, कृषि विभाग हिसार।
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