हरियाणा: सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने की रफ्तार सुस्त

हरियाणा में सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने की रफ्तार सुस्त है। प्रदेश के कुल 14,338 सरकारी स्कूलों में से 6,101 स्कूलों में ही स्मार्ट क्लासरूम, स्मार्ट बोर्ड या वर्चुअल क्लासरूम जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह जानकारी केंद्र सरकार की यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडीआईएसई) की 2024-25 की रिपोर्ट में दी गई है।

स्मार्ट स्कूल में एक क्लास के अंदर इंटरएक्टिव बोर्ड, डिजिटल स्क्रीन, ई-लर्निंग सामग्री की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। राज्य सरकार ने 2023 में हरियाणा स्मार्ट एजुकेशन मिशन शुरू किया था जिसके तहत तीन वर्षों में सभी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों को स्मार्ट क्लासरूम से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया। रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के 16.3 फीसदी सरकारी स्कूलों में प्रोजेक्टर और 41.6 फीसदी में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाएं (आईसीटी) हैं। वहीं, 63.9 फीसदी निजी सहायता प्राप्त स्कूल ही स्मार्ट बने हैं। स्मार्ट स्कूलों में ज्यादातर शहरी क्षेत्रों या मॉडल संस्कृति स्कूलों हैं। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल डिजिटल सुविधाओं से वंचित हैं।

स्मार्ट को अब स्मार्ट प्लस बनाने की योजना

हरियाणा सरकार का दावा है कि अगले दो साल में पांच हजार से अधिक स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके अलावा स्मार्ट स्कूलों को अब स्मार्ट प्लस स्कूल के रूप में अपग्रेड करने की योजना बना रही है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित लर्निंग टूल्स और वर्चुअल लैब की व्यवस्था होगी।
पंजाब ने चार साल पहले शुरू की थी पहल

पंजाब सरकार ने हरियाणा से चार साल पहले 2019 में सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने की पहल शुरू की थी। यहां कुल 19,107 सरकारी स्कूलों में से 6,832 स्मार्ट हैं। इसके अलावा 13 हजार स्कूलों में 41 हजार स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए गए और 3,500 स्कूलों में एजुकेशनल सैटेलाइट सुविधा उपलब्ध है। स्मार्ट स्कूल नीति के तहत पंचायतों, एनआरआई और समाजसेवी संगठनों के सहयोग से तेजी से विस्तार किया। इससे कई गांवों तक डिजिटल शिक्षा की पहुंच हो गई है।

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