हरियाणा: लिंगानुपात में पिछड़ी टेक्सटाइल नगरी, 889 अंक के साथ प्रदेश में 18वां स्थान

पानीपत में यह पिछले 10 साल का सबसे कम लिंगानुपात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 में पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का नारा देश को दिया था।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का नारा देने वाली टेक्सटाइल नगरी लिंगानुपात में लगातार पिछड़ रही है। पिछले नौ माह का लिंगानुपात 889 दर्ज किया गया है। यह पिछले 10 साल का सबसे कम लिंगानुपात है। पानीपत में एक जनवरी से 30 सितंबर तक 21747 बच्चों ने जन्म लिया है। इनमें 11515 लड़के व 10232 लड़कियां हैं।

पानीपत फिलहाल प्रदेश स्तर पर लिंगानुपात में 18 वें स्थान पर है। इस साल शुरू से ही पानीपत इसी स्थान पर बना हुआ है। पानीपत से पीछे रोहतक, चरखीदादरी, रेवाड़ी व गुरुग्राम है । यमुनानगर 946 अंक के साथ पहले व सिरसा 945 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है। करनाल 945 अंक के साथ प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में लिंगानुपात में सबसे नीचे गुरूग्राम है।

वहां का लिंगानुपात महज 852 है। पानीपत के इस आंकड़े ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान भी धीरे धीरे दम तोड़ रहा है। लिंगानुपात के लगातार गिरने का बड़ा कारण पिछले दो साल में लिंग जांच के खिलाफ हुई नाममात्र कार्रवाई है। पिछले दो साल में लिंग जांच पर महज तीन कार्रवाई हुई हैं। चार साल में चार पीएनडीटी इंचार्ज बदले जा चुके हैं।

स्वास्थ्य विभाग पिछले चार साल में जागरूकता कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाने तक ही सीमित रहा लेकिन कार्यक्रम नहीं कर पाया। पानीपत के 61 गांव ऐसे हैं जहां लिंगानुपात 700 से भी कम है। सबसे चिंताजनक स्थिति कवी, उझा, सींक, उग्राखेड़ी , मतलौडा, अहर सामुदायिक केंद्र के अंतर्गत आने वाले गांवों की है। यहां छह-छह गांवों का लिंगानुपात 700 से भी कम है।

2015 से 2020 के बीच स्वास्थ्य विभाग ने भ्रूण जांच के खिलाफ 80 रेड की। कई प्रदेशों में बड़े स्कैंडल का पर्दाफाश किया गया। 100 से अधिक मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई की गई । इन छह सालों में हर माह औसतन आठ-नौ सफल रेड की जाती थी। 2017 में पानीपत लिंगानुपात में 946 अंक के साथ पहले स्थान पर भी रहा था।

2020 के बाद पीएनडीटी इंचार्ज बदले। पिछले चार सालों में 15 साल से भी कम रेड की गई है। जागरूकता कार्यक्रम न के बराबर हुए। समय समय पर पीएनडीटी इंचार्ज बदलते रहे। ऐसे में लिंगजांच के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई।

पानीपत का साल दर साल लिंगानुपात
2015- 892
2016- 912
2017- 945
2018- 900
2019- 939
2020- 935
2021- 918
2022- 924
2023- 920
2024 अब तक- 889

लिंगानुपात बढ़ाने के लिए बेहतर कदम उठाएंगे : सिविल सर्जन
लिंगानुपात बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। इस साल कई जगह कार्रवाई भी की गई है। सरकार लिंगानुपात के प्रति गंभीरता से काम कर रही है। लिंग जांच करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। समय समय पर निजी अस्पतालों व आईवीएफ सेंटर का निरीक्षण भी किया जाता है। कम लिंगानुपात वाले गांवों में नुक्कड़ नाटक भी किए जाएंगे। -डॉ. जयंत आहूजा, जिला सिविल सर्जन

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