हरियाणा के कलेसर नेशनल पार्क में जंगल सफारी की शुरूआत होते ही सैलानी भी बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ने से विभाग की आमदनी बढ़ रही है। पर्यटकों को लगभग सवा घंटा सफारी कराई जा रही है।
यमुनानगर जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी दूर खंड प्रतापनगर में 11570 एकड़ में फैला खूबसूरत कलेसर नेशनल पार्क। हरियाणा के इस नेशनल पार्क में पर्यटकों को दुबई जंगल सफारी जैसा आनंद मिल रहा है। यहां दुबई के नेशनल पार्क की तर्ज पर पर्यटकों को जंगल सफारी कराई जा रही है। जंगल सफारी के शौकीन लोगों के लिए कई खास इंतजाम किए गए हैं। पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ने से विभाग की आमदनी बढ़ रही है।
कलेसर का इलाका हमेशा से बेहद खूबसूरत रहा है और अब जंगल सफारी की शुरुआत से इसकी छठा ही निराली हो गई। दूर-दूर से पर्यटक भारी संख्या में यहां जंगल सफारी का आनंद लेने के लिए पहुंच रहे हैं। खास बात ये कि इस नेशनल पार्क के बगल में ही मशहूर राजाजी नेशनल पार्क है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश का मशहूर सिपलवाड़ा पार्क भी बिल्कुल पास ही है और यमुना नदी भी इसी इलाके से गुजरती है और सबसे खास यहां पास ही आदिबद्री धाम के अलावा सरस्वती नदी का उद्गम स्थल भी मौजूद है।
यहां जंगल सफारी की शुरूआत होते ही सैलानी भी बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। रोजाना पर्यटकों की संख्या 50 से अधिक रहती है। राष्ट्रीय उद्यान में कुल 14 किमी का रूट बनाया गया है। सफारी की एक गाड़ी का किराया 1100 रुपये है, जिसमें पांच वयस्कों के अलावा दो बच्चे बैठ सकते हैं। वयस्कों का प्रवेश शुल्क 50 और बच्चों के लिए 30 रुपये रखा गया है।
पर्यटकों को लगभग सवा घंटा सफारी कराई जा रही है। रोजाना 50 से अधिक पर्यटक पहुंच रहे हो पिछले सालों की अपेक्षा अधिक है। विभाग के अनुसार सैलानियों की संख्या का रिकॉर्ड भी टूट रहा है। जंगल सफारी को शुरू हुए लगभग तीन माह से अधिक का समय हो चुका है। लोकल की अपेक्षा दूसरे राज्यों के पर्यटकों की संख्या अधिक है। सफारी का आनंद लेने के लिए दिल्ली, भिवानी, हिसार, गुरुग्राम, पंजाब आदि जगहों से सैलानी पहुंच रहे हैं। संवाद
जंगल में हैं ये वन्य प्राणी
कलेसर जंगल में दुर्लभ प्राणी भी देखने को मिलते हैं। यहां तेंदुए, सांबर, बिल्ली, चीतल, नीलगाय, भालू, जंगली धब्बेदार बिल्ली, हाथी, लंगूर, बंदर, जंगली मुर्गे जैसे अन्य जानवरों की प्रजातियां हैं। जंगली सुअर और मोंगोज भी पाए जाते हैं। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से भी कई बार बाघ और हाथी इस क्षेत्र में आ जाते हैं।
अधिकारी के अनुसार
जंगल सफारी में सैलानियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। आने वाले दिनों में जंगल सफारी के लिए पर्यटकों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद। पर्यटकों के लिए वाहनों की विशेष व्यवस्था की गई है। यहां दुबई जंगल सफारी जैसा आनंद पर्यटकों को दिलाया जा रहा है। -जयविंद्र नेहरा, निरीक्षक, वन्य प्राणी विभाग।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal