हरियाणा में महिलाओं ने हर क्षेत्र में निभाई महत्‍वपूर्ण भूमिका…..

International Women’s Day: हरियाणा में महिलाएं आज हर क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आज राज्‍य के पंचायती राज सिस्टम में महिलाएं बड़ी ताकत बन चुकी हैं। ये वे महिलाएं हैं, जो अब सिर्फ घूंघट में नहीं रहतीं। पढ़ी- लिखी हैं और उन्हें अंग्रेजी का पूरा ज्ञान है। वे कंप्यूटर और मोबाइल चलाती हैं। बिना कागज पढ़े किसी पेपर पर साइन नहीं करती। उन्हें अच्छे-बुरे की पूरी तरह से समझ है और समाज के खराब सिस्टम को पटरी पर लाने के लिए किसी भी हद तक फैसला लेने का दम रखती हैं।

33 फीसदी आरक्षण के साथ अधिक सीटों पर जीतीं महिला प्रतिनिधि, अब घूंघट नहीं

हम उन महिलाओं की बात कर रहे हैं, जो 2016 के पंचायत चुनाव में जीतकर आई हैं और 2021 में फिर से पंचायती राज सिस्टम को मजबूती प्रदान करने के लिए ताल ठोंकने को तैयार हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के खास मौके पर हरियाणा की इन खास महिलाओं के हौसले को पूरा प्रदेश सलाम कर रहा है।

हरियाणा पुलिस में भी महिलाओं की दस फीसदी भागीदारी के लिए चल रहे प्रयास

हरियाणा के पंचायती राज सिस्टम में पढ़ी लिखी महिलाओं की भागीदारी किसी चुनौती से कम नहीं थी। यह काम कर दिखाया पिछली सरकार में पंचायत एवं विकास मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने, जिन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भरोसे में लेकर देश की तमाम उन रूढ़ीवादी ताकतों से लोहा लिया, जो नहीं चाहती थी कि महिलाएं घर से बाहर निकलें और गांव की चौधर पतियों के हाथों से फिसलकर खुद पढ़ी लिखी युवा पीढ़ी के हाथों में आ जाएं।

पंचायती राज सिस्टम में पढ़ी-लिखी महिलाओं के आने से रुकी कई तरह की मनमानी

हरियाणा में करीब सात हजार पंचायतें हैं, जिनमें महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित की गई थीं, लेकिन कमाल की बात देखिए कि 48 फीसदी सीटों पर महिला सरपंच, पंच, ब्लाक समिति सदस्य, जिला परिषद चेयरमैन व सदस्य तथा मेयर और पार्षद चुनकर आई हैं। सुप्रीम कोर्ट में केस लड़े गए। आखिरकर जीत हरियाणा सरकार के उस कड़े फैसले की हुई, जो देश भर में महिलाओं को आत्मसम्मान दिलाने के लिए मिसाल बन गया।

राज्य में अब 2021 में फिर से पंचायत चुनाव होने हैं। इस बार पंचायती राज सिस्टम के मंत्री दुष्यंत चौटाला हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल फिर महिलाओं को उनके आत्म सम्मान और सामाजिक सरोकारों में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह फैसला भी अब राज्य सरकार का ही है कि हरियाणा के पुलिस बल में महिला पुलिस कर्मियों की भागीदारी बढ़ाकर दस फीसदी की जा रही है। यह महिला सशक्तीकरण की तरफ सरकार का बड़ा कदम है।

जानें खास दस महिला सरपंचों के बारे में-

– सिंगार पंचायत (गुरुग्राम) – आमना, उम्र 22 वर्ष। आमना जब सरपंच चुनी गई थी, तब कहती थी कि हरियाणा का मेवात इलाका राज्य में सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। यहां अशिक्षा है। लोग यहां आने से डरते हैं। इस धब्बे को मिटाने के लिए मैंने राजनीति का स्वरूप बदलने की ठानी है। आमना कंप्यूटर में बीटेक क्वालीफाइड है।

 फरीदाबाद की डीग पंचायत : सरपंच बबीता। शिक्षा बीए, उम्र केवल 27 साल। डिजिटलाइजेशन और स्वच्छता पर फोकस। गांव में शहर की तर्ज पर विकास कराने का लक्ष्य रहा, ताकि गांव किसी स्तर पर शहर से कम न लगे। गांव का पूरा ब्योरा आनलाइन करने पर रहा फोकस।

रोहतक जिले की गादला गांव पंचायत: सरपंच रजनी। शिक्षा एमएससी बीएड, नेट पास। उम्र 26 साल। लोगों को कौशल विकास की योजना से जोडऩे का टारगेट रहा। लड़कियों को स्नातक तक की शिक्षा दिलाने के लिए काम किया। लिंगानुपात सुधारने के लिए लोगों को जागरूक किया गया।

– फतेहाबाद जिले की नागपुर पंचायत: सरपंच सुनीता। शिक्षा एमए, बीएड। उम्र 26 साल। युवाओं को नशे के विरुद्ध जागरूक बनाने के लिए सपंच बनी थी। सामाजिक सरोकारों की हमेशा पक्षधर रहीं।

 पलवल जिले की जनौली पंचायत: सरपंच मंजू। शिक्षा बीएड और एमकॉम। उम्र 26 साल। आदर्श गांव का अवॉर्ड लेने की दिशा में काम करने का लक्ष्य निर्धारित किया।

अगली बार चुनाव न करवाकर पंचायत निर्विरोध चुने जाने पर फोकस।

 फरीदाबाद की सुनपेड गांव पंचायत: सरपंच भारती। शिक्षा बीएससी, बीएड, एलएलबी। उम्र 46 साल। 2016 में जब चुनाव जीती, तब सुनपेड को स्मार्ट बनाकर फिर बुलंदी पर पहुंचाने का सपना बुला। गांव को स्मार्ट बनाने के लिए काम किया।

अंबाला की सुभरी पंचायत: सरपंच निधि। शिक्षा एमएससी और बीएड, उम्र 27 साल। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान आगे बढ़ाने के लिए काम किया। अनपढ़ महिलाओं की पढ़ाई की व्यवस्था। अपने मायके में 700 महिलाओं को पढ़ा चुकी।

भिवानी जिले की लाडनपुर पंचायत: सरपंच अनीता। शिक्षा एमफिल, फिजिकल एजुकेशन। उम्र 32 साल। बैठकों में महिला की जगह पुरुषों के जाने की परंपरा खत्म करने की पक्षधर। गांव में हर महीने टी पार्टी। लड़कियों के लिए अलग से खेल स्टेडियम का लक्ष्य।

 करनाल की बयाना पंचायत: सरपंच सुनीता। शिक्षा योगा में एमए, नर्सिंग छात्रा। उम्र 28 साल। डिस्पेंसरी खुलवाने के प्रयास। गांव को मॉडर्न बनाने का लक्ष्य।

– हिसार की रावतखेड़ा पंचायत: सरपंच पूनम। शिक्षा बीए, बीएड, एमए, एमबीए। उम्र 30 साल। पौधरोपण पर्यावरण संरक्षण एजेंडा रहा। लड़कियों की शिक्षा व पर्यावरण सरंक्षण।

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