एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का पहला चरण लागू हो गया है। इसको लेकर तय बंदिशें मंगलवार से लागू कर दी गईं। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति की बैठक में वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एकक्यूआई) 200 के पार होने पर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का पहला चरण लागू किया जाता है। अक्तूबर के पहले सप्ताह से प्रदूषण बढ़ा है। मंगलवार को जिले का एक्यूआई 259 दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे अधिकतम एक्यूआई है। सोमवार को प्रदूषण का स्तर 258 दर्ज किया गया था। 9 अक्तूबर को प्रदूषण का स्तर सबसे कम 80 दर्ज किया गया था। अगर वायु गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदूषण का स्तर 300 पार कर जाएगा। एक्यूआई 250 पहुंचने पर ग्रैप-1 की बंदिशें लागू कर दी गई हैं।
इसके तहत होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में कोयले व लकड़ी जलाने पर रोक रहेगी। सड़कों पर मशीन से सफाई करने के साथ ही पानी का छिड़काव करना होगा। धारूहेड़ा-भिवाड़ी, बावल क्षेत्र में काफी अधिक प्रदूषण दर्ज किया जाता है। यहां स्थिति सुधारने की कोशिश की गई, लेकिन ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। सबसे ज्यादा खराब स्थिति धारूहेड़ा की होती है। धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। यहां पर प्रदूषण से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बावल भी औद्योगिक क्षेत्र बनता जा रहा है। यहां पर भी प्रदूषण की वजह से लोगों को परेशानी होती है।
लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंता जताई जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अध्ययन करने के लिए कहा था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि जिले में प्रदूषण का कारण क्या है और इसे किस प्रकार से कम किया जा सकता है। धुआं किन क्षेत्रों से अधिक उठता है। हैरानी की बात यह है कि अभी तक जिले में यह अध्ययन शुरू ही नहीं हुआ। रेवाड़ी एनसीआर क्षेत्र में आता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एनजीटी को दी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हरियाणा में मात्र दो जिलों में ही अभी अध्ययन शुरू हुआ है। बाकी एनसीआर के क्षेत्र में अध्ययन की शुरुआत नहीं हुई है।
एक्यूआई की छह श्रेणियां हैं। 0 और 50 तक अच्छा, 51 और 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक मध्यम, एक्यूआई 201 और 300 खराब, 301 और 400 बेहद खराब और एक्यूआई 401 से 500 तक बेहद गंभीर माना जाता है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए इन बातों का रखें ध्यान
वाहनों के इंजन का ट्यून ठीक रखें, टायर में हवा का उचित दबाव बनाए रखें, अपने वाहन का पीयूसी प्रमाणपत्र रखें, लाल बत्ती पर इंजन बंद कर दें, वाहन के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाइब्रिड वाहनों या ईवी को प्राथमिकता दें, खुले स्थान पर कूड़ा-कचरा न फैलाएं, अधिक से अधिक पौधे लगाएं, त्योहारों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से मनाएं, पटाखों से बचें, 10-15 वर्ष पुराने डीजल व पेट्रोल वाहन न चलाएं।
ग्रैप के पहले चरण में यह रहेंगी पाबंदियां
सड़कों पर मशीन से सफाई व पानी का छिड़काव करना होगा, प्रदूषण फैलाने वाले वाहन जब्त होंगे, दूसरे राज्यों में जाने वाले ट्रकों की दिल्ली में एंट्री बंद कर केजीपी व केएमपी एक्सप्रेस-वे से भेजे जाएंगे, बीएस-3 पेट्रोल व बीएस-4 डीजल वाहनों के संचालन पर निगरानी रखी जाएगी।आवश्यक सेवाओं को छोड़ बाकी के लिए डीजल जनरेटर पर रोक रहेगी, होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में कोयले व लकड़ी जलाने पर रोक रहेगी।दिल्ली के 300 किमी के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों व थर्मल पावर प्लांटों के खिलाफ कार्रवाई होगी। 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के उन भूखंड पर निर्माण, तोड़फोड़ पर रोक होगी। निर्माण व तोड़फोड़ वाले परियोजना स्थलों पर धूल रोकने के उपाय करने होंगे।
9 से 15 अक्तूबर तक जिले का एक्यूआई
तिथि दिन एक्यूआई
15 मंगलवार 259
14 सोमवार 258
13 रविवार 190
12 शनिवार 183
11 शुक्रवार 128
10 वीरवार 128
9 बुधवार 80
अधिकारी के अनुसार
लोगों से अपील है कि वह खुले में आग ना लगाएं। इससे प्रदूषण फैलता है। प्रदूषण से स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां भी होती हैं। इसलिए बचाव काफी जरूरी है। -हरीश, एसडीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।