हरियाणा: बृजभूषण व संजय सिंह पर बजरंग का निशाना

पहलवान बजरंग पूनिया ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से संजय सिंह और बृजभूषण शरण सिंह पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जयपुर में होने वाली सीनियर नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा न लेने का दबाव खिलाड़ियों पर बनाया जा रहा है। बजरंग ने यह भी कहा कि कई पहलवानों के फोन उनके पास आ चुके हैं। वह खेलना चाहते हैं मगर उन पर दबाव बनाया जा रहा है।

ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने एक बार फिर से भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह व उनके सहयोगी बृजभूषण शरण सिंह पर निशाना साधा है। उनका आरोप है कि संजय सिंह तदर्थ समिति की तरफ से जयपुर में होने वाली सीनियर नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को नहीं खेलने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर खेल मंत्रालय के नाम मैसेज सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उनकी पोस्ट को ओलंपियन विनेश फोगाट ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया।

बजरंग पूनिया ने लिखा है कि खेल मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने संविधान के प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय कुश्ती फेडरेशन को भंग कर दिया था। इसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने खेल मंत्रालय के दिशा निर्देश पर भारतीय कुश्ती के मामले में निष्पक्ष और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तदर्थ समिति का गठन किया था।

समिति की तरफ से बयान जारी कर बताया गया कि दो फरवरी से पांच फरवरी तक राजस्थान के जयपुर में सीनियर नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप कराई जा रही है। जब इस बारे में हमें और साथी पहलवानों को पता चला तो सभी खुश हुए थे। उनका आरोप है कि जब इस बारे में संजय सिंह व उनके सहयोगी बृजभूषण को पता चला तो उन्होंने फिर से अलग ही खेल शुरू कर दिया है।
उन्होंने तदर्थ समिति से अलग सीनियर नेशनल चैंपियनशिप कराने का फैसला ले लिया। जिन राज्यों की फेडरेशन पर उनका प्रभाव है वहां बैठे अपने लोगों को जयपुर नेशनल में टीम नहीं भेजने का आदेश दिया है। पहले बृजभूषण ने यह दुष्प्रचार किया कि हम नेशनल नहीं होने देना चाह रहे लेकिन अब समिति सीनियर नेशनल चैंपियनशिप करवा रही है तो यह लोग फिर से अपनी निम्न मानसिकता का परिचय देने लग गए हैं।

वह स्पष्ट कर रहे हैं कि यह लोग कितना खिलाड़ियों का भला चाहते है। ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो हमें कॉल कर कह रहे हैं कि वह नेशनल खेलना चाहते हैं। बृजभूषण के लोग उनको धमका रहे हैं और जयपुर में होने वाले नेशनल में नहीं खेलने का दबाव बना रहे हैं। बजरंग ने लिखा है कि वह बार-बार कह रहे हैं कि इनको खिलाड़ियों के भविष्य से कोई मतलब नहीं है। इन्हें तो बस अपना दबदबा दिखाना है। पहले यह दबदबा पहलवान बेटियों को दिखा रहे थे, अब खेल मंत्रालय, भारत सरकार को दिखा रहे हैं।

राज्यों की फेडरेशन में इनके चहेते बैठे हैं जब तक उन फेडरेशनों को भंग करके निष्पक्ष तरीके से फेडरेशनों का गठन नहीं किया जाएगा, तब तक यह लोग ऐसे ही अपना दबदबा दिखाते रहेंगे। उन्होंने खेल मंत्रालय से निवेदन किया कि सीनियर नेशनल चैंपियनशिप जरूर होनी चाहिए। अगर राज्य की फेडरेशन खिलाड़ियों को भाग लेने से रोक रही है तो ओपन नेशनल चैंपियनशिप करा दी जाए। खिलाड़ियों को भविष्य में कोई नुकसान नहीं होना चाहिए और दबदबा दिखाने वालों का स्थायी इलाज करना जरूरी है। साथ ही उन्होंने लिखा कि मैंने हमेशा कुश्ती का भला चाहा है और आखिरी सांस तक चाहते रहेंगे।

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