बारिश और पहाड़ों से आए पानी के कारण बुधवार को नदियों में उफान आ गया। टांगरी, घग्गर, मारकंडा और बेगना नदी में खतरे के निशान से भी अधिक जलस्तर पहुंच गया। इन नदियों में सबसे पहले टांगरी नदी ने टांगरी नदी की जद में बनी 42 कॉलोनियों को डुबो दिया है, इसके साथ ही प्रदेश का पहले राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल भी टांगरी के प्रभाव से डूब गया। वहीं चंदपुरा गांव स्थित पुल पर क्रेक आ गए हैं, जिससे शाम छह बजे लोक निर्माण विभाग ने पुल पर लोगों व वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया।
टांगरी ने ऐसी तबाही मचाई है कि सैकड़ाें लोग सड़क पर रात बिताने को मजबूर हैं, वहीं टांगरी के भीतर बनी काॅलोनियों में लाेगों को एसडीआरएफ और निजी एजेंसी के माध्यम से रेस्क्यू किया गया, वहीं सेना को अलर्ट पर रखा गया। हालांकि 800 से अधिक लोग अपने घराें में ऊपर की मंजिल या छतों पर रात गुजारने को मजबूर होते दिखे। उन्होंने बचाव दल काे बाहर जाने से मना कर दिया।
मुलाना में दोसड़का के पास और हमीदपुर गांव के पास मारकंडा नदी का पानी अंबाला यमुनानगर राजमार्ग पर पहुंच गया। इस दौरान हमीदपुर के सामने तो एक तरफ का राजमार्ग बंद करना पड़ा। यहां दूसरे तरफ से ही वाहनों को गुजारा गया। वहीं दोसड़कों पर सड़क के दोनों तरफ मारकंडा का पानी बहता दिखाई दिया।
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