मौसम विभाग ने अगले चार दिन भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। इसे देखते हुए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कमिश्नर एवं सचिव मोहम्मद शाइन ने सभी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। सीएम नायब सिंह सैनी ने भी अपना तीन दिवसीय दुबई दौरा रद्द कर दिया है।
हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं और 65,854 क्यूसेक पानी यमुना नदी में दिल्ली की ओर छोड़ गया है। बैराज में 69,874 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। कुरुक्षेत्र के झांसा में मारकंडा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। दबाव कम करने के लिए सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के तीन गेट खोल दिए गए हैं। सिरसा और फतेहाबाद में नदी किनारे के 80 गांव प्रभावित हुए हैं।
कैथल के गुहला-चीका में घग्गर और पानीपत में यमुना नदी खतरे के निशान के नजदीक है। फतेहाबाद में भाखड़ा नहर में दरार आ गई है। अंबाला से अमृतसर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार शाम 4 बजे बलदेव नगर के पास सड़क का हिस्सा धंस गया।
ग्रामीणों से बहस के बाद एसवाईएल के 3 गेट खोले
कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में मारकंडा का जलस्तर घटकर 13 हजार क्यूसेक तक रह गया है। झांसा में नदी ओवरफ्लो होने के कगार पर है। बाढ़ की आशंका से झांसा, ठस्का मिरांजी, नैसी, अजमतपुर, दुनियां माजरा, मेघा माजरा, जलबेहड़ा, दीवाना, अजराना खुर्द के ग्रामीण भयभीत हैं। दर्जनों लोग पुराने झांसा पुराना पुल पर पहुंच गए। वहां बहस के बाद अधिकारियों ने मारकंडा के तीन गेट एसवाईएल में खोलकर 1200 क्यूसेक पानी छोड़ा।
सिरसा में घग्गर व पानीपत में यमुना के कारण भूमि कटाव
सिरसा में ओटू हेड में खतरे के निशान से ऊपर पानी बह रहा है। रविवार शाम को जलस्तर 28000 क्यूसेक दर्ज हुआ जबकि खतरे का निशान 21000 क्यूसेक पर है। घग्गर के साथ लगते 40 से 50 गांवों में हालात विकट हैं। मिट्टी के कटाव के साथ 500 एकड़ फसल को नुकसान हुआ है। पानीपत में भी यमुना नदी खतरे के निशान के पास बह रही है। इसके चलते कई जगह भूमि का कटाव हुआ है।
पंजाब में तटबंध टूटा, गुहला-चीका के खेतों में घुसा पानी
कैथल में गुहला-चीका क्षेत्र से गुजर रही घग्गर नदी खतरे के निशान 23 फीट से महज दो फीट नीचे है। रविवार को हरियाणा-पंजाब सीम पर जुलाहा गांव में तटबंध टूटा। इससे चीका क्षेत्र के गांव सिहाली और रत्ता खेड़ घड़ाम में खेतों में पानी भर गया। करीब 10 एकड़ फसल के नुकसान का अंदेशा है।
क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 10 सितंबर तक कर सकेंगे आवेदन
बरसात और जलभराव से अभी तक प्रदेश के 931 गांवों के 42656 किसानों ने फसलों के नुकसान का ब्योरा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करा दिया है। इसके अनुसार करीब 2.71 लाख एकड़ फसलों में पानी भरा है। सरकार ने बाढ़-बारिश से प्रभावित 12 जिलों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की तिथि 10 सितंबर तक बढ़ा दी है।