एक सप्ताह तक प्रदेश की आबोहवा साफ रहने के बाद फिर से शहर स्मॉग की चादर में ढक गया है। सुबह होते ही स्मॉग की चादर फैल जाती है और धूप तेज निकलने तक आंखों में जलन के अलावा दम घुटने लगा है।
सोमवार को हालात फिर भी सामान्य रहे वहीं मंगलवार से स्मॉग के कारण परेशानी बनी हुई है। बुधवार की सुबह तो धुएं के कारण सांस लेना भी दूभर हो रहा था। हिसार समेत हरियाणा के लगभग जिलों में इसी तरह के हालात बने हुए हैं।
हिसार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 700 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के पार पहुंच गया। वहीं प्रदूषण के कारण शहर में 90 मीटर तक की ही दृश्यता रही।
दृश्यता कम होने के कारण हादसों की आशंका बनी हुई है। प्रदूषण कारण पराली जलाने को ज्यादा माना जा रहा था, मगर सरकार की सजगता के कारण उसमें कमी देखने को मिली है, बावजूद इसके स्मॉग कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में साफ जाहिर है कि पराली के साथ साथ अन्य जगहों पर लगाई जाने वाली आग और वाहनों का धुआं भी इसके लिए जिम्मेदार है।