दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हालात बेहद खराब हो गए हैं। कहीं लोगों की जान जा चुकी है, तो कहीं लोग अपने घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं। अब हरियाणा के कई जिले भी बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें फरीदाबाद की स्थिति सबसे चिंताजनक है।
फरीदाबाद के निचले इलाकों में पानी भराव
फरीदाबाद में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है, जिससे कई कॉलोनियां और गांव जलमग्न हो गए हैं। शहर के निचले इलाकों में मकानों की एक-एक मंजिल पानी में डूब गई है। लोग अपना घर छोड़कर जरूरी सामान के साथ सुरक्षित स्थानों की तलाश में निकल रहे हैं। अब तक 20,000 से अधिक लोग बेघर होकर सड़कों पर रहने को मजबूर हो चुके हैं।
बसंतपुर में सबसे ज्यादा असर
बसंतपुर और इसके आसपास के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। बसंतपुर-II, पहलवान कॉलोनी, नंबरदार कॉलोनी, गड्डा कॉलोनी, अजय नगर-I, II, III, शिव इंक्लेव-II, III, विष्णु कॉलोनी, अटल चौक और बजरंग चौक जैसे क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति गंभीर है।
राहत शिविरों से दूरी बनाए हुए हैं लोग
हालांकि प्रशासन द्वारा राहत शिविर बनाए गए हैं, लेकिन स्थानीय लोग वहां जाने से कतरा रहे हैं। उनका कहना है कि राहत शिविरों में सुविधाएं बेहद खराब हैं – न तो खाने-पीने की उचित व्यवस्था है और न ही साफ-सफाई। इसी कारण कई लोग सड़कों पर ही रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ओखला बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी
फरीदाबाद से होकर गुजरने वाली यमुना नदी में पानी की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। ओखला बैराज का फ्लड प्वाइंट 193.70 मीटर पर चिन्हित है, लेकिन वर्तमान में जलस्तर 200 मीटर से ऊपर जा चुका है।
बुधवार सुबह 11 बजे: 1,92,612 क्यूसेक
दोपहर 1 बजे: 1,96,774 क्यूसेक
शाम 5 बजे: 2,13,718 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
27 गांवों को किया संवेदनशील घोषित
प्रशासन ने यमुना नदी के तटीय क्षेत्रों के 27 गांवों को संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है। इनमें प्रमुख गांव बसंतपुर, महावतपुर, लालपुर, ददसिया, मौजमाबाद, भस्कोला, सिधोला, किडावली, राजपुर कलां, तिलोरी खादर, अमीपुर, चिरसी, मंझावली, नचौली, कबूलपुर पट्टी, परवरीश मोहना, छायंसा, मोठुका, अरुआ और चंदपुर हैं।