हरियाणा निजी बस संचालक केंद्र सरकार के हिट एंड रन के कानून का विरोध कर रहे हैं। निजी बस संचालकों का कहना है कि सरकार ने जो यह नया कानून बनाया है, यह सरासर गलत बनाया गया है। इसे केंद्र सरकार जल्द ही वापस ले।
केंद्र सरकार के हिट एंड रन के कानून के विरोध में सोमवार को नए साल पहले दिन निजी बस संचालकों ने तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की। इस दौरान निजी बस संचालकों ने नए बस स्टैंड पर पहुंच नारेबाजी कर सरकार के खिलाफ रोष जताया। इस मौके पर बस संचालकों ने सरकार की ओर से पारित किए गए नए कानून को लेकर अपना विरोध दर्ज किया।
निजी बस संचालकों का कहना है कि सरकार ने जो यह नया कानून बनाया है, यह सरासर गलत बनाया गया है। इसे केंद्र सरकार जल्द ही वापस ले। बताया कि तीन दिन की हड़ताल के बाद आगे भी फैसला लिया जाएगा। कहा कि सरकार के मंत्री और अन्य नेता स्वयं गाड़ियां चलाकर देखें तो उन्हें चालकों की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। उन्होंने हरियाणा रोडवेज के चालकों से भी उनकी इस हड़ताल में सहयोग करने की अपील की है। निजी बस चालक रोहताश, बलविंद्र सिंह, राहुल, रोशन लाल शर्मा, अजय चहल, जसबीर सिंह ने कहा कि वे सरकार के इस कानून का लगातार विरोध करेंगे। इस मौके पर शुभम, सुखविंद्र आदि मौजूद थे।
पाई में जाम भी लगाया
ट्रांसपोर्टरों ने इस कानून के विरोध में सोमवार सुबह के समय पाई के सरकारी स्कूल के सामने पूंडरी-राजौंद रोड पर नए कानून को रद्द करवाने की मांग पर जाम लगा दिया है। इस मौके पर सतीश पाई, सुखदेव पाई, दीपक पाई, नरेश पाई, कुलदीप पाई, सतबीर पाई आदि मौजूद थे।
हांसी में 192 निजी बसें नहीं चली
नए कानून का विरोध हिसार के हांसी में भी देखने को मिला है। इस दौरान 192 निजी बसें अपने रूटों पर नहीं चली। चालकों ने बस स्टैंड परिसर में धरने पर बैठ कर कानून को रद्द करवाने की मांग उठाई। चालकों ने चेतावनी दी कि जब तक कानून वापस नहीं होगा, तब तक विरोध जारी रहेगा। चालको ने बताया कि नए कानून में सड़क हादसा होने पर आरोपी वाहन चालक को दस साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माने का प्राविधान है। इसी को लेकर निजी बसों के चालकों ने हड़ताल कर दी।
चालकों ने कहा कि वह रोजाना करीब 400 रुपये कमाते हैं। यदि हादसे में इस तरह का जुर्माना और सजा होगी तो परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएगा। जुर्माने की राशि कहां से देंगे। इसलिए ऐसा कानून न लाया जाए। वहीं, दो दिन पुर्व ट्रक चालकों ने भी नए कानून के विरोध में प्रदर्शन किया था। बस चालकों ने कहा कि नए कानून से चालक आहत हैं।