मुंबई पुलिस ने ‘टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट’ (टीआरपी) से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। इसके बाद प्रमुख विज्ञापनदाताओं और मीडिया एजेंसियों का कहना है कि वे इसपर बारीकी से नजर रख रहे हैं। ऐसे में पारले के उत्पाद बनाने वाली कंपनी ने फैसला लिया है कि वह पारलेजी बिस्किट का टीवी पर विज्ञापन नहीं करेगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी कृष्णराव बुद्ध ने कहा कि कंपनी समाज में जहर घोलने वाले कंटेट को प्रसारित करने वाले समाचार चैनलों पर विज्ञापन नहीं देगी। उन्होंने कहा, ‘हम ऐसी संभावनाएं तलाश रहे हैं, जिसमें अन्य विज्ञापनकर्ता एक साथ आएं और समाचार चैनलों पर विज्ञापन देने के अपने खर्च पर संयम रखें ताकि सभी समाचार चैनलों को यह स्पष्ट संकेत मिले कि उन्हें अपनी सामग्री (कंटेट) में बदलाव लाना होगा।
उन्होंने कहा कि आक्रामकता और सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने को बढ़ावा देने वाले चैनल वो नहीं हैं जिसपर कंपनी पैसा खर्च करना चाहती है क्योंकि यह उसके लक्षित उपभोक्ता नहीं है। कंपनी के फैसले की सोशल मीडिया पर लोग काफी तारीफ कर रहे हैं।
एक यूजर ने कहा, ‘ये देश के लिए अच्छा है।’ दूसरे यूजर ने लिखा, ‘बेहतरीन पहल।’ तीसरे यूजर ने कहा, ‘बहुत अच्छा। सम्मान। ज्यादा से ज्यादा कंपनियों को इस रास्ते पर चलना चाहिए।’ चौथे यूजर ने कहा, ‘यह सिर्फ शुरुआत हो सकती है, आशा है कि अधिक कंपनियां इसका पालन करेंगी और हमें एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।’
वहीं पारलेजी से पहले उद्योगपति और बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कहा था कि उनकी कंपनी ने तीन न्यूज चैनलों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। राजीव बजाज ने कहा, ‘एक मजबूत ब्रांड वो नींव है जिसपर आप एक मजबूत व्यवसाय को खड़ा करते हैं। दिन के अंत में, एक व्यवसाय का उद्देश्य भी समाज में कुछ योगदान करना है। हमारा ब्रांड कभी किसी ऐसी चीज के साथ नहीं जुड़ा है जो हमें लगता हो कि यह समाज में जहर खोलने का स्रोत है।’
टीआरपी से यह पता चलता है कि कौन सा टीवी कार्यक्रम सबसे ज्यादा देखा गया। इससे दर्शकों की पसंद और किसी चैनल की लोकप्रियता का भी पता चलता है।