पिछले कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में कमी लाने की कोशिशें जारी हैं. इसी हफ्ते सिंधु नदी के पानी के बंटवारे को लेकर भारत-पाकिस्तान की बैठक दिल्ली में हुई. उससे पहले संघर्षविराम पर भी सहमति बनी. इन सबसे भारत और पाकिस्तान के रिश्ते सुधरने के संकेत मिले हैं.
इस पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण संबंध स्थापित होना, न सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए बल्कि दक्षिणी एशिया के लिए बेहतर होगा.
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “जो कुछ भी हो रहा है, वो अच्छा है. हमने हमेशा से कहा है कि भारत-पाकिस्तान के अच्छे संबंध न सिर्फ जम्मू-कश्मीर, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए बेहतर हैं. दोनों देश को एक-दूसरे को धमकाने की बजाय बात कर रहे हैं और हमने सुना है कि हम इस बातचीत में बहुत आगे बढ़ गए हैं. दोनों के बीच सीक्रेट बातचीत चल रही है. हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर समेत सारे मुद्दे बातचीत से हल हो जाएं.”
उन्होंने ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक, असम से लेकर गुजरात तक, महबूबा मुफ्ती पहली और आखिरी नेता नहीं हैं, जिन्हें केंद्र सरकार के विरोध का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. हम भी हैं, लेकिन हम मजबूती से लड़ेंगे.
23 मार्च को पाकिस्तान के नेशनल डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को चिट्ठी लिखकर बधाई दी थी. पीएम मोदी ने खत लिखकर कहा कि पड़ोसी देशों में भरोसे का रिश्ता होना चाहिए. आतंकवाद की कोई जगह नहीं है. पाकिस्तान से भारत दोस्ताना संबंध चाहता है और दोस्ती के लिए आतंक मुक्त माहौल जरूरी है. इससे पहले जब इमरान कोरोना पॉजिटिव हुए थे, तब भी मोदी ने उनके जल्द ठीक होने की कामना की थी.
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