उत्तर प्रदेश को एक और सौगात देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार दोपहर झांसी में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज और प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के नए शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन के लिए मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, रानी लक्ष्मी बाई ने कभी बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी कि मैं मेरी झांसी नहीं दूंगी. आज बुंदेलखंड की धरती से इस गर्जना की आवश्यकता है कि मेरी झांसी आत्मनिर्भर भारत को बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी. हम पूरी ताकत लगा देंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है. ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है. ये देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाजारों में पहुंचाने का मिशन है.
कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है. जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर तैयार होंगे.
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, आज बीज से लेकर बाजार तक खेती को तकनीक से जोड़ने का, आधुनिक रिसर्च के फायदों को जोड़ने का निरंतर काम किया जा रहा है. इसमें बहुत बड़ी भूमिका रिसर्च संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों की भी है.
तीन और राष्ट्रीय संस्थान IARI-झारखंड, IARI-असम, और मोतीहारी में Mahatma Gandhi Institute for Integrated Farming की स्थापना की जा रही है. ये छात्र छात्राओं को नए मौके देने के साथ स्थानीय किसानों तक तकनीक का ज्ञान पहुंचाने और उनकी क्षमता बढ़ाने का काम करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा, बीते मई में बुंदेलखंड में टिड्डी दल का हमला हुआ था. देश के 10 से ज्यादा राज्य इससे प्रभावित हुए थे. जिस तेजी से ये फैल रहा था उसमें पारंपरिक माध्यमों से इस पर काबू पाना मुश्किल था. इतने बड़े हमले को भारत ने वैज्ञानिक तरीके से संभाला है. ये बहुत बड़ा काम हुआ है.
बुंदेलखंड की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ड्रोन टेक्नॉलॉजी हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की टेक्नॉलॉजी हो, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की कृषि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए आप जैसे युवा Researchers को, युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा.
कोरोना के खिलाफ बुंदेलखंड के लोग भी डटे हुए हैं. सरकार ने भी प्रयास किया है कि लोगों को कम से कम दिक्कत हो. गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए यूपी के करोड़ों गरीब और ग्रामीण परिवारों को देश के अन्य भागों की तरह मुफ्त राशन दिया जा रहा है. एक तरह से बुंलेदखंड में ‘जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान’ का मंत्र चारों दिशाओं में गूंजेगा. केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार बुंदेलखंड की पुरातन पहचान को, इस धरती के गौरव को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है.