राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बागी विधायकों के प्रति नरमी का संदेश देते हुए कहा है कि अगर ये विधायक माफी मांगते हैं तो उन्हें पार्टी हाईकमान द्वारा लिया गया फैसला मंजूर होगा.

अशोक गहलोत के इस बयान को सीएम की ओर से बागी सचिन पायलट को भेजा गया समझौते का प्रस्ताव माना जा रहा है.
अशोक गहलोत ने कहा है कि यदि वे कांग्रेस में फिर से लौटना चाहते हैं तो वे पार्टी आलाकमान से अपने व्यवहार के लिए माफी मांग सकते हैं.
जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने कहा, “आप देख सकते हैं कि बगावत करने वालों का क्या हश्र हुआ है, यदि वे लौटना चाहते हैं तो वे पार्टी हाईकमान के सामने खेद जता सकते हैं, कांग्रेस आलाकमान इस बाबत जो भी फैसला लेगा हमें मंजूर होगा.”
सीएम गहलोत इस कार्यक्रम में बीजेपी पर एक बार फिर से बरसे. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने विधानसभा का सत्र बुलाने के प्रस्ताव को एक बार फिर से लौटा दिया है और कहा है कि इसके लिए 21 दिन का समय चाहिए.
सीएम ने कहा, “राज्यपाल कलराज मिश्र सज्जन और मृदुभाषी व्यक्ति हैं, आप समझ सकते हैं कि किनके निर्देशों पर वे काम कर रहे हैं, उनकी आत्मा भी जानती है कि सच्चाई क्या है.”
गहलोत ने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि बीजेपी क्या चाहती है, मघ्य प्रदेश और राजस्थान के राज्यपाल एक ही परिस्थिति में अलग अलग तरीके से काम कर रहे हैं.
बता दें कि कोरोना संक्रमण का हवाला देकर राज्यपाल ने हर साल स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले ‘एट होम’ कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने के राज्य कैबिनेट के प्रस्ताव को बार बार ठुकराकर राज्यपाल संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं.
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