हनुमान जी का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार यह 31 मार्च, शनिवार को होगी। आखिर साल में दो बार क्यों मनाई जाती है उनकी जयंती। आइए जानते हैं हनुमानजी के जन्म के बारे में
हनुमान जी का जन्म साल भर में दो तिथियों में मनाया जाता है पहला चैत्र माह की पूर्णिमा को तो दूसरी तिथि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। एक तिथि को जन्मदिवस के रूप में तो दूसरी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। उनकी जयंती को लेकर दो कथाएं भी प्रचलित है।
ऐसी मान्यता है जब हनुमान जी माता अंजनि के पेट से पैदा हुए जब उन्हें जोर की भूख लग गई थी। तब उन्होंने सूर्य को फल समझ कर खाने के लिए दौड़े तभी उसी दिन राहू भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आया हुआ था लेकिन हनुमान जी को देखकर उन्होंने इसे दूसरा राहु समझ लिया। इस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा होने से इस तिथि को हनुमान जयंती के रुप में मनाया जाता है।
दीपावली को भी मनाई जाती है हनुमान जयंती मनाई जाती है। माता सीता ने हनुमान जी की भक्ति और समर्पण को देखकर उनको अमरता का वरदान दिया। ऐसी माना जाता है कि यह दिन दीपावली का दिन था। इसलिए इस दिन को भी हनुमान जयंती के रुप में मनाया जाता है। इस दिन सिंदूर चढ़ाने से बजरंग बलि प्रसन्न होते हैं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal