देश में जारी कोरोना वैक्सीनेशन के बीच मुंबई में एक बार फिर कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है. इसके लिए 01 फरवरी से आम लोगों के लिए खुली लोकल ट्रेन में बढ़ती भीड़ को जिम्मेदार माना जा रहा है. तेजी से बढ़ रहे कोरोना केस BMC की टेंशन बढ़ा रहे हैं.
BMC के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने मीडिया से खास बातचीत में कहा कि हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. स्थिति को देखते हुए BMC अलर्ट मोड में है. अब यह विचार किया जा रहा है कि लोकल ट्रेनों में यात्रा के लिए समय की पाबंदी को अभी हटाया जाना चाहिए या नहीं. इस पर फैसला एक सप्ताह के बाद ही लिया जाएगा.
काकानी ने कहा कि पहले 14 दिनों तक आंकड़ों पर नजर रखने का निर्णय लिया गया था मगर अब कोरोना मामलों में वृद्धि देखते हुए एक और सप्ताह बाद ही लोकल ट्रेनों के टाइम रिलेक्सेशन पर फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 20 या 21 फरवरी को स्थिति की समीक्षा की जाएगी और फिर कोई निर्णय लिया जाएगा.
ट्रेन की टाइमिंग पर पाबंदी का निर्णय साप्ताहिक बैठक में लिया गया था, जिसमें स्वास्थ्य अधिकारियों और राज्य के प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए भाग लिया था.
स्थानीय रेल सेवाओं को समय की पाबंदी के साथ 01 फरवरी से आम जनता के लिए फिर से शुरू किया गया था. इसमें तीन टाइम स्लॉट दिए गए थे – सुबह से 7 बजे तक, दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक और फिर रात 9 बजे से नाइट सर्विस तक. हालांकि, लोगों द्वारा प्रतिबंधों में ढ़ील देने की मांग की जा रही है.