हजारों इंसानी जिंदगी बचा सकता है इस जीव का नीला खून

करोड़ों साल पुरानी प्रजाति 

सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार घोड़े की नाल के आकार के एक केंकड़े की प्रजाति करीब 45 करोड़ साल से पृथ्‍वी पर पायी जाती है। अपने आकार के चलते ही ये केंकड़ा हॉर्स शू के नाम से जाना जाता है। इस प्रजाति का केंकड़ा उत्‍तरी अमेरिका के समुद्र में पाया जाता है और खास बात ये है कि इसके खून का रंग लाल की जगह नीला होता है।

मानव के लिए लाभप्रद

वैज्ञानिकों के अनुसार इस केंकड़े का खून मानव के लिए खासा फायदेमंद है, इतना कि इसे अमृत भी कहा जाये तो गलत नहीं होगा। दरसल जैसे इंसान के लाल खून में हीमोग्‍लोबिन होता है उसी तरह इस केंकड़े के नीले खून में कॉपर आधारित हीमोस्याइनिन नाम का तत्‍व पाया जाता है। इसकी खासियत ये होती है कि ये ऑक्सीजन को शरीर के सारे हिस्सों में ले जा सकता है। इससे कई घातक बीमारियों का इलाज हो सकता है। चिकित्‍सक इसकी एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी को कई तरह से जीवन रक्षा के लिए प्रयोग करते हैं। 

बहुमूल्‍य होने के साथ ही बना खतरा

बिना शक इस केंकड़े के रक्‍त की ये विशेषता उसे बेशकीमती बना सकती है पर इसीलिए ये इसके लिए खतरा भी बन चुका है। खतरनाक बैक्टीरिया की पहचान करने वाली दवाओं में इस खून को प्रयोग करके मानव शरीर में इंजेक्‍शन के जरिए पहुंचाया जाता है। इसके बाद चिकित्‍सकों को इन बैक्‍टीरिया के बारे में सही जानकारी प्राप्‍त होती है। ऐसे में कॉर्सशू की विशेषता को पहचान कर भारी मात्रा में उसका शिकार किया जाने लगा है। इसके नीले खून की कीमत 10 लाख रुपये प्रति लीटर आंकी जा रही है। एक अनुमान के अनुसार इस नीले रक्‍त के लिए प्रति वर्ष लगभग 5 लाख हॉर्स शू केंकड़ों का शिकार हो रहा है। 

अमानवीय तरीका 

वैसे इस केंकड़े का खून निकालने की प्रक्रिया बेहद क्रूर या अमानवीय बताई जा रही है। इसके इन केकड़ों को पकड़ कर अच्‍छे से धोया साफ किया जाता है और तब लैब में में एक स्‍टैंड पर जिंदा ही फिक्‍स कर दिया जाता है। इसके बाद इनके मुंह के पास एक सिरिंज लगा कर इनका खून निकाला जाता है और बोतलों में भर लिया जाता है। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com