यूपी के मुरादाबाद में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने 2 हजार रुपये की ऐसी मशीन बनाई है जो सूखे गीले मैटेलिक और प्लास्टिक के कचरे को अपने आप अलग-अलग डस्टबिन में भेज देगी. वही छात्रों ने इसके साथ एक एप्लीकेशन भी बनाई है जो डस्टबिन के भर जाने पर उसको खाली करने के लिए मोबाइल ऐप पर मैसेज भी भेजेगी.

पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के क्रम में अनूठा प्रयास हुआ है. गीले में गीला और सूखे में सूखा कचरा फेंकने से तीन छात्रों की टीम ने निजात दिलाने का काम किया है. छात्रों ने ऐसी मशीन तैयार की है जो सूखे-गीले कूड़े की पहचान कर खुद करेगी और उसे अलग-अलग डस्टबिन में भेज देगी. कचरे का डिब्बा भर जाने पर बकायदा मोबाइल फोन पर सूचना मिलेगी. इसके लिए ‘बकेट एप’ विकसित किया गया है.
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