स्वच्छता को बढ़ावा देने के क्रम में अनूठा प्रयास

यूपी के मुरादाबाद में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने 2 हजार रुपये की ऐसी मशीन बनाई है जो सूखे गीले मैटेलिक और प्लास्टिक के कचरे को अपने आप अलग-अलग डस्टबिन में भेज देगी. वही छात्रों ने इसके साथ एक एप्लीकेशन भी बनाई है जो डस्टबिन के भर जाने पर उसको खाली करने के लिए मोबाइल ऐप पर मैसेज भी भेजेगी.

पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के क्रम में अनूठा प्रयास हुआ है. गीले में गीला और सूखे में सूखा कचरा फेंकने से तीन छात्रों की टीम ने निजात दिलाने का काम किया है. छात्रों ने ऐसी मशीन तैयार की है जो सूखे-गीले कूड़े की पहचान कर खुद करेगी और उसे अलग-अलग डस्टबिन में भेज देगी. कचरे का डिब्बा भर जाने पर बकायदा मोबाइल फोन पर सूचना मिलेगी. इसके लिए ‘बकेट एप’ विकसित किया गया है.

इस मशीन को मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन के अंतिम वर्ष के छात्र शाबाज खान, मिनी कटारिया और हिवानी सिंह ने तैयार किया है. हाल में ही आयोजित मंडलीय और प्रदेश स्तरीय प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में छात्रों के इस प्रोजेक्ट को प्रथम पुरस्कार मिला.
छात्रों ने मशीन को 1 हफ्ते में तैयार किया है. जिसमें अलग-अलग डस्टबिन लगाए गए हैं. छात्रों का कहना है कि मशीन की मदद से कूड़ा एग्रीगेट होकर अलग-अलग डस्टबिन में पहुंच जाएगा. वहीं इसमें लगे एलईडी लाइट्स इंडिकेट भी करेंगे कि किस डस्टबिन में कितना कचरा इकट्ठा हो गया है. इस प्रोजेक्ट को बनाने में छात्रों ने सेंसर पीसी सर्किट और एक मोटर का इस्तेमाल किया है.

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