चोर, उच्चकों, बदमाशों की अब खैर नहीं। स्मार्ट बेटन (डंडा) इनकी जमकर खबर लेगा। इस डंडे के छूते ही बदमाश को 400 वोल्ट का झटका लगेगा और वह 5-10 मिनट के लिए बेहोश हो जाएगा। कृत्रिम बुद्घिमत्ता (एआई) और एसओएस तकनीक से लैस स्मार्ट डंडा शहर के कारोबारी ने विकसित किया है।

इसे पांच फरवरी से लखनऊ में शुरू हो रही डिफेंस एक्सपो में लांच किया जाएगा। महिला सुरक्षा के लिए हथेली तक की लंबाई वाला स्मार्ट डंडा भी इस दौरान लांच होगा। यह डंडे का पॉकेट वर्जन होगा। रिवाल्वर को सुरक्षित रखने के लिए जीपीएस आधारित होल्सटर बनाने वाली कंपनी ने इस स्मार्ट डंडे को विकसित किया है।
इस डंडे की खासियत यह है कि बदमाश को यह शॉक (झटका) देता है। इस डंडे को खासतौर पर पुलिस के लिए बनाया गया है। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पॉकेट वर्जन बनाया गया है। इस डंडे का वजन 400 से 850 ग्राम तक होगा। यह फोल्ड भी हो सकेगा। डंडे की लंबाई 400 मिलीमीटर से 1.2 मीटर तक है।
पॉलीमर और एलाय मेटल से इस डंडे को तैयार किया गया है। ये इसे बेहद हल्का बनाते हैं। इसे बनाने वाली श्री हंस एनर्जी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक गौरव पिलानिया ने बताया कि एआई और एसओएस लैस स्मार्ट डंडे से पुलिसिंग में सहायता मिल सकेगी। इसके अलावा महिला सुरक्षा के लिए भी यह बहुत महत्वपूर्ण होगा। डिफेंस एक्सपो में इसे लांच किया जाएगा।
इस तरह के उत्पाद अभी देश में नही हैं। उन्होंने बताया कि स्मार्ट आर्मरी के अलावा एके 47 या अन्य राइफल को सुरक्षित रखने के लिए वेपन सेफ्टी सिस्टम, स्मार्ट ग्रिप, एआई बेस्ड कंडीशन मॉनीटरिंग का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
इस तरह के स्मार्ट स्टनगन या बेटन अमेरिका और ब्रिटेन की पुलिस के पास ही हैं। लेकिन इस डंडे की खासियत यह है कि इसमें सेंसर आफश्योर सेफ्टी सिस्टम (एसओएस) और इमरजेंसी बटन लगा है जो संबंधित क्षेत्र की पुलिस या संबंधित संस्थान से कनेक्ट भी किया जा सकेगा।
इससे किसी घटना के होने की जानकारी संबंधित थाने आदि में हो सकेगी। इस डंडे में कैमरा भी लगा है ताकि होने वाली किसी घटना के फोटो भी उपलब्ध हो सके। ऑडियो और वीडियो की भी सुविधा है। इस तरह के फीचर अमेरिका और ब्रिटेन की पुलिस के बेटन में नही है। जो इसे अलग उत्पाद बनाती है।
इस डंडे को खास तौर पर ट्रैफिक पुलिस होम गार्ड और इसके पॉकेट वर्जन को महिला सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है। इस डंडे में जियोग्राफिकल फेंसिंग और बायोमीट्रिक चिप लगी होगी। इससे जिस व्यक्ति के पास डंडा होगा। इसकी लोकेशन ट्रेस हो जाएगी। इसके अलावा यदि वो इसमें निर्धारित की गई सीमा 2-3 किलोमीटर के दायरे से बाहर जाएगा तो इसकी सूचना मिल जाएगी।
इस डंडे के दो वर्जन बनाए गए हैं। एक में जीपीएस लगा होगा वो 7-10 दिन में एक बार चार्ज करना पड़ेगा। नॉन जीपीएस डंडा एक महीने तक चार्ज नहीं करना होगा।
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