एजेंसी/ उज्जैन : सिंहस्थ 2016 आखिरकार समाप्त हो गया। मगर इस आयोजन के समाप्त होते-होते भी कई घटनाऐं हुईं। आयोजन के प्रारंभ में विवाद करने वाले बाबाओं के विवाद आयोजन समाप्त होने के बाद भी जारी रहे। जहां बाबाओं द्वारा सिंहस्थ में जमीन के आवंटन, एक दूसरे के क्षेत्र और प्रभुत्व को लेकर विवाद किए गए वहीं आयोजन समाप्ति के बाद कुछ बाबाओं द्वारा सिंहस्थ में पांडाल में व्यवस्था इजाद करने वाले ठेकेदारों, कारोबारियों और मजदूरों के बकाया का भुगतान नहीं किया गया। ऐसे में इन बाबाओं को लेकर विवाद हो गया। लोग मजबूरन मेला कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अधिकारियों के सामन अपना दुखड़ा रोया।
मिली जानकारी के अनुसार नित्यानंद स्वामी ने सिंहस्थ में भव्य पांडाल लगाया था। सदावल क्षेत्र में स्थित इस पांडाल में उन्होंने सोने की मूर्तियां सजाई थीं तो कई जगह सोने से सजावट की गई थी। अब सिंहस्थ समाप्ति के बाद स्वामी नित्यांनद तो चले गए लेकिन उनके पांडाल में व्यवस्थाऐं जुटाने वाले टेंट कारोबारी, बिजली कांट्रेक्टर, डेकोरेटर और सप्लायर को अपना बकाया पेमेंट लेने के लिए भटकना पड़ा।
इसके बाद जब वे तीसरी बार भुगतान मांगने पहुंचे तो उन्हें हिसाब करने और ऑडिट के बाद आने के लिए कहा गया। ऐसे में जब वे बाद में पहुंचे तो मैनेजर ने हाथ खड़े कर दिए। ये लोग अब मेला अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहे हैं। दरअसल कुछ सप्लायर को तो स्वामी नित्यानंद से 1 करोड़ रूपए ही लेना है।
मगर उन्हें 35 लाख रूपए का भुगतान किए जाने के कागजी सबूत दिए गए हैं। अब सप्लायर परेशान है। भुगतान को लेकर इसी तरह का विवाद अवधूत बाबा के पांडाल में भी हुआ। दरअसल यहां पर एक साउंड व डेकोरेशन कांट्रेक्टर ने बकाया के लिए बाबा से चर्चा की लेकिन बाबा ने इसे खाली हाथ लौटा दिया। बकाया पेमेंट मांगने पर अवधूत बाबा ने कहा कि वे ठोकने वाले बाबा हैं।