सैफुल्लाह श्रीनगर में नागरिकों की हत्या के इरादे से आया था : डीजीपी दिलबाग सिंह

कुलगाम में हाल ही में भाजयुमो के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या का मास्टरमाइंड, सेना की टॉप टेन सूची में शामिल और मोस्ट वांटेड हिजबुल मुजाहिदीन सरगना डॉ. सैफुल्लाह मीर रविवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया। यह सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है। इसी साल मई महीने में रियाज नायकू के मारे जाने के बाद उसने हिजबुल की कमान संभाली थी। सुरक्षा बलों को श्रीनगर के बाहरी इलाके रंगरेथ के पुराने एयरफील्ड के पास आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली। इस सूचना पर सेना, सीआरपीएफ, पुलिस ने इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। 

घेरा सख्त होता देख एक मकान में छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में दूसरी ओर से फायरिंग आनी बंद हो गई। तलाशी अभियान के दौरान एक आतंकी का शव बरामद किया गया। इसकी शिनाख्त हिजबुल के ऑपरेशनल कमांडर डॉ. सैफुल्लाह मीर उर्फ गाजी हैदर उर्फ डाक्टर साहब के रूप में हुई है। 

डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि सैफुल्लाह श्रीनगर में कुछ नागरिकों की हत्या के इरादे से आया था। उसने तीन पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। अनुच्छेद 370 हटने के बाद दो ट्रक ड्राइवरों की हत्या में भी शामिल रहा था। कुलगाम में हाल में एक सरपंच पर हमले में भी शामिल था, लेकिन वह बच गया। इसके साथ ही कुलगाम में इसी सप्ताह भाजपा नेताओं की हत्या में भी उसका हाथ था। उसने 9 लोगों की हत्या की थी। कई सैन्य प्रतिष्ठानों समेत दर्जनभर आतंकी वारदातों में वह शामिल रहा था। 

डीजीपी ने बताया कि सैफुल्लाह के मूवमेंट को पिछले दो दिन से ट्रैक किया जा रहा था। अनंतनाग पुलिस ने भी इस बारे में इनपुट शेयर किया था। वह कुछ और नागरिकों की हत्या और सुरक्षा बलों के ठिकानों पर हमले की साजिश रच रहा था। इसी के लिए सैफुल्लाह श्रीनगर आया था। सभी सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम कर रही है। इसी के परिणामस्वरूप हिजबुल कमांडर को मारने में सफलता हासिल हो सकी है। 

पुलवामा के मलंगपोरा का सैफुल्लाह अक्तूबर 2014 में हिजबुल में शामिल हुआ था, जब बुरहान वानी के हाथ में संगठन की कमान थी। रियाज नायकू ने उसे गाजी हैदर नाम दिया था। छह मई को रियाज नायकू के मारे जाने के बाद उसने हिजबुल की कमान संभाली थी। इसके बाद से वह घाटी में लगातार सुरक्षा बलों पर हमले और नागरिकों की हत्या में शामिल रहा था। 

रियाज नायकू के मारे जाने के बाद सेना ने घाटी में सक्रिय टॉप टेन आतंकियों की सूची जारी की थी। इसमें डॉ. सैफुल्लाह मीर का नाम सबसे ऊपर था। हिजबुल के अन्य आतंकियों में मोहम्मद अशरफ खान उर्फ अशरफ मौलवी उर्फ मंसूर उल इस्लाम, जुनैद सेहरई, मोहम्मद अब्बास शेख उर्फ तुराबी मौलवी व सेहराज उल लोन, जैश के जाहिद जरगर, फैसल व सलीम पररे, लश्कर का शकूर व ओवैस मलिक शामिल थे। सूची में लश्कर ए ताइबा, जैश ए मोहम्मद व हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के नाम थे। 

डीजीपी ने बताया कि इस साल जम्मू कश्मीर में 200 आतंकियों को मार गिराने में सफलता मिली। इनमें 190 कश्मीर घाटी में और दर्जनभर जम्मू संभाग में शामिल हैं। सर्दी के दिनों में भी ऑपरेशन जारी रहेगा।

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