चीनी का स्वाद जितना मीठा होता है उसका शरीर पर प्रभाव उतना ही कड़वा. कई रोग ऐसे हैं जो सिर्फ चीनी खाने की वजह से होते हैं. दरअसल चीनी हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गई है. आगे जानिए कि आखिर चीनी को क्यों कहा जा रहा है नई तरह की तंबाकू…
दरअसल चीनी एक नशा बनती जा रही है. इसकी तलब हमें महसूस होती है. काम करने के दौरान कई बार चीनी की तलब महसूस होती है लेकिन हमें लगता है कि तलब चाय की है. हम चाय के रूप में चीनी का सेवन कर लेते हैं. आइए जानते हैं कौन से रोग हैं जो चीनी खाने की वजह से होते हैं.
मधुमेह- हालांकि चीनी से मधुमेह का सीधा संबंध नहीं होता है लेकिन इसकी भूमिका जरूर होती है. चीनी से मोटापा आता है. और मोटे शरीर में मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है. क्योंकि मोटापे के कारण शरीर में कई प्रकार के मेटाबोलिक व हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिनसे इंसुलिन का प्रतिरोध बढ़ जाता है और पेंक्रियाटिक सेल्स निष्फल होने लगते हैं. जिससे रक्त-शर्करा को नियंत्रित करने के लिए, जितना इंसुलिन शरीर में चाहिए, उत्पादन उससे कम होने लगता है.
हार्टअटैक- ज्यादा चीनी का सेवन करने वाले लोगों में उच्च ट्रायग्लिसरॉयड व कम एचडीएल कोलेस्टेरॉल की शिकायत हो सकती है. एचडीएल शरीर के लिए जरूरी कोलेस्टेरॉल है, जो आपकी हृदयाघात से रक्षा करता है. इसमें गड़बड़ी का मतलब हार्ट अटैक को आमंत्रण देने जैसा है.
लीवर- जब हम चीनी का सेवन करते हैं तो फ्रक्टोस सीधे लीवर में जाता है. फ्रक्टोस शरीर के लिए जरूरी है लेकिन यदि अगर हम मेहनत नहीं करते हैं तो लीवर फ्रक्टोस को चर्बी में बदल देता है. जिससे नॉन-अल्कोहलिक चर्बी लिवर रोग [एनएएफएलडी] हो जाता है. जो आगे चलकर यकृत सिरोसिस व यकृत कैंसर में भी बदल सकता है.
दांतों की समस्याएं- चीनी में ‘रिक्त’ कैलोरी पाई जाती हैं. चीनी में कोई प्रोटीन, आवश्यक चर्बी, विटामिन या खनिज नहीं होते हैं. दांतों के लिए चीनी बहुत खराब होती है, क्योंकि यह मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को ‘रिक्त’ कैलोरी के रूप में ऊर्जा उपलब्ध कराती है जिससे दांत खराब होने की आशंका रहती है. इसीलिए सलाह दी जाती है कि मीठा खाने के बाद कुल्ला अवश्य करें.
चीनी की लत- चीनी की वजह से दिमाग से डोपामाइन रिलीज होता है जिससे इसकी तलब महसूस होती है. इसकी वजह से जो लोग चीनी का सेवन करते हैं, उनका वजन बढ़ने की आशंका अधिक होती है क्योंकि अंजाने में उन्हें यह लत लग चुकी होती है.