भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने अपने को बचाने के लिए आखिरी रास्ते के रूप में एक सेटलमेंट पैकेज पेश किया है. उसने कहा है कि वह बैंकों को 13,960 करोड़ रुपये देने को तैयार है.
विजय माल्या के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है और यह पैकेज अगर सरकार स्वीकार करती है तो यही उसके बचने का अंतिम विकल्प हो सकता है.
भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए विजय माल्या के पास अब कोई कानूनी रास्ता नहीं बचा है. यह सेटलमेंट पैकेज ही उसके लिए उम्मीद की अंतिम किरण है. पिछले महीने प्रत्यर्पण के खिलाफ विजय माल्या अपना केस हार चुका है और उसे ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अब फिर से अपील करने से मना किया जा चुका है.
एक खबर के मुताबिक विजय माल्या के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने बैंकों को एक व्यापक सेटलमेंट पैकेज देने का वादा किया है. इसमें वकील ने यह नहीं बताया कि यह सेटलमेंट पैकेज कितने का है. लेकिन पिछले महीने दायर एक याचिका में उसने 13,960 करोड़ रुपये के सेटलमेंट पैकेज की बात की है.
विजय माल्या पर अगर बैंकों के मूल बकाये की बात करें तो यह करीब 9,000 करोड़ रुपये ही है, लेकिन अब इस पर ब्याज काफी ज्यादा हो गया है. इसलिए विजय माल्या ने अब ब्याज वगैरह जोड़ते हुए करीब 14 हजार करोड़ रुपये की रकम देने की पेशकश की है. यह विजय माल्या द्वारा दी जाने वाली अब तक की सबसे ज्यादा रकम की पेशकश है. इस पेशकश से वह चाहता है कि बैंकों के कंसोर्टियम के साथ उसका विवाद खत्म हो और उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के सभी केस बंद किए जाएं.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि विजय माल्या पहले भी समय-समय पर ऐसी पेशकश करता रहा है. उन्होंने कहा, ‘विजय माल्या छड़ी के ऊपर ऐसे गाजर समय-समय पर लगाकर दिखाते रहे हैं. भारत आने से पहले वह पैसा तो जमा करें.’
बैंकों के कंसोर्टियम ने भी हाल में विजय माल्या का ऐसा ही एक ऑफर ठुकरा दिया था. पिछले महीने आई मीडिया की खबरों के अनुसार, विजय माल्या का प्रत्यर्पण बस अब कुछ ही दिनों की बात है. लेकिन उसके आने से पहले कई कानूनी मसलों का समाधान करना होगा.