सेक्स व्यक्ति के जीवन का एक ऐसा पहलू है जिससे उसे मानसिक तनाव से रहता मिलती है.कहने का मतलब है कि दो लोगों के बीच एक रात की शारीरिक क्रिया ही सेक्स नहीं है बल्कि सेक्स इससे कहीं ज्यादा है, जिसे व्यक्ति वक्त के साथ सीखता जाता है. सेक्स के बारे में ऐसी कई बातें हो सकती हैं जो बच्चों को जन्म दे चुके माता-पिता को भी मालूम नहीं होती. इसलिए सिर्फ संभोग करना और बच्चे पैदा करना ही सेक्स माना जाता है.
<वही सेक्स के बारे में बहुत सी बाते है. जिसके लिए उचित शिक्षा होना जरुरी है. तो कही सेक्स के बारे में बहुत से लोगों के बीच यह बात गलत बताई जाती है. लेकिन सच तो यह है कि इसके बारे में लोग जितना सच नहीं जानते, उससे ज्यादा वह भ्रम के शिकार हैं. आज सेक्स के बारे में लोगों के दिमाग में कई तरह की गलत जानकारियां और मिथक मौजूद है. यह मिथक भी महिलाओं में काफी प्रचलित हैं, लेकिन यह सही नहीं है. वही यह बात सच मानी जाती है कि एक साथ दो कंडोम उपयोग करने से एक-दूसरे में रगड़ खाकर उनके फटने की संभावनाएं होती है.
यह जाहिर है कि इस तरह ये ज्यादा सुरक्षित नहीं कह सकते. वैसे, तमाम सावधानियों को जानते हुए कंडोम को उपयोग करना 95 फीसदी तक सफल माना गया है, जो दूसरे कई विकल्पों के 99 फीसदी के रेट से काफी कम है. हालांकि कंडोम सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (एसटीडी; यौन संचारित रोग) से पूरी सुरक्षा देते हैं. अगर आपने और आपके पार्टनर ने एसटीडीज का चेकअप नहीं कराया है, तो उस स्थिति में कंडोम का इस्तेमाल और भी जरूरी हो जाता है.
महिलायें सोचती है कि पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से आप प्रेग्नेंट नहीं हो सकती तो आप बिल्कुल गलत हैं. यह सच है कि इस दौरान गर्भधारण की संभावनाएं कम होती हैं, लेकिन यह असंभव नहीं है. शुक्राणु काफी दिनों तक आपके शरीर में रह सकता है, खासतौर से तब जब आपका मासिक चक्र कम होता है. अगले पीरियड आने से पहले महिलाओं के शरीर में 10वें से लेकर 16वें दिन के बीच अण्डा बनता है. अगर आपके पीरियड्स रेग्युलर हैं तो भी स्ट्रेस, एजिंग, वेट चेंज, दवाइयों वगैरह की वजह से हॉर्मोंस का बैलेंस बिगड़ सकता है और इसका असर ओव्यूलेशन पर पड़ता है. इसके अलावा महिलाओं के शरीर में स्पर्म्स (शुक्राणू) सात दिन तक रह सकते हैं. यानी अगर ओव्यूलेशन से कुछ दिन पहले आपने सेक्स किया है, तो भी आपके प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं रहती हैं.