जापान की एक आईटी कंपनी ने उड़ने वाला छाता विकसित किया है। इसकी खास बात यह है कि बारिश में व्यक्ति को इसे पकड़कर चलना नहीं होता है। सेंसर की मदद से यह खुद उस दिशा में चलने लगता है, जहां व्यक्ति जा रहा होता है। लिहाजा दोनों हाथों में सामान पकड़े होने की स्थिति में यह छाता काफी काम का हो सकता है।
यह छाता ड्रोन की मदद से व्यक्ति के सर पर उड़ता रहता है। व्यक्ति किस दिशा में जा रहा है, इसका पता करने के लिए उसमें सेंसर लगा होता है। इस छाते का वजन पांच किलोग्राम है, जो फिलहाल 5 मिनट तक उड़ सकता है। टेलिकॉम टेक्नोलॉजी विकसित करने वाली कंपनी आशी पावर इस प्रोजेक्ट पर काफी समय से काम कर रही है।
कंपनी का लक्ष्य 2020 में होने ओलिंपिक और पैरालिंपिक से पहले इस छाते को व्यावहारिक उपयोग में लाना है। कंपनी के 40 वर्षीय प्रेसिडेंट केंजी सुजुकी ने बताया कि इस तरह का छाता बनाने का प्लान उन्होंने तीन साल पहले बनाया था। उनका मानना था कि ऐसा छाता होना चाहिए कि दोनों हाथ व्यस्त होने के बावजूद भी उसका इस्तेमाल किया जा सके।
सिविल एयरोनॉटिक्स के नियमों के अनुसार, ड्रोन को सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद व्यक्ति या बिल्डिंग से करीब 30 मीटर की दूरी पर होना चाहिए। माना जा रहा है कि शुरुआत में इस उड़ने वाले छाते का इस्तेमाल निजी जगहों पर कर सकती है।