अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती की याचिका को खारिज करते हुए मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया है. जिसके बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा है. वहीं एनसीपी नेता पार्थ पवार ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए सत्यमेव जयते लिखा है.

सुशांत सिंह राजपूत के सीबीआई जांच को मंजूरी मिलने के बाद बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख से इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस ने सुशांत मामले में दो महीने में एफआईआर दर्ज नहीं की. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को न्याय मिलेगा.
इसके अलाव एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के पोते पार्थ पवार सुशांत सिंह राजपूत के मामले की सीबीआई जांच कराने की वकालत पहले कर चुके हैं. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पार्थ पवार ने अपने ट्विटर अकाउंट में सत्यमेव जयते लिखा है.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता और विधायक रामकदम ने सुशांत सिंह मामले पर कहा कि 66 दिनों के बाद सुशांत के चाहने वालो को राहत मिली है. महाराष्ट्र सरकार पता नहीं किस बड़े आदमी को बचाना चाहती है. उन्होंने अपने अहंकार की वजह से अब तक यह केस सीबीआई को नहीं दिया था. आज उनका अहंकार टूटा है. महाराष्ट्र सरकार महराष्ट्र पुलिस से भी माफी मांगे, जिन्होंने उनकी छवि खराब करने की कोशिश की है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि आशा है एक तय समय सीमा के अंदर न्याय मिलेगा.
करणी सेना के अध्यक्ष सुरज पाल ने कहा है कि अब हत्यारों को जेल में जाने से कोई नहीं रोक सकता. सत्य की जीत होगी. वहीं सुशांत सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश पर बीजेपी सांसद रवि किशन ने आजतक से बातचीत में कहा कि मुझे लगता है कि ये आत्महत्या नहीं है. अचानक ये सब सुशांत नहीं कर सकता है. वो बिहार का बेटा था. वो ऐसा काम नहीं कर सकता है. अब सीबीआई जांच से सभी पर्त खुलेंगी. सारा सच सामने आएगा
वहीं इस मामले में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि यह एक कानूनी मुद्दा है. महाराष्ट्र कानून व्यवस्था वाला राज्य है. इसने किसी के साथ अन्याय नहीं किया है. मुंबई पुलिस ने बढ़िया जांच की है. महाराष्ट्र में सत्य और न्याय की जीत होती है. व्यक्ति छोटा हो या बड़ा, कानून से ऊपर कोई नहीं.
बता दें कि फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार ने केस की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी वो सही थी. महाराष्ट्र सरकार को अब जांच में सहयोग करना होगा. मुंबई पुलिस को इस मामले के सारे सबूत सीबीआई को सौंपने होंगे. हालांकि, महाराष्ट्र सरकार इस मामले में रिव्यू पीटीशन दाखिल कर सकती है.
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