गोपालगंज. बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान हिंसा का दौर लगातार जारी है. ताजा मामला गोपालगंज से जुड़ा है जहां भाजपा विधायक और बैकुंठपुर के प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी के ऊपर जानलेवा हमला हुआ है. इस हमले में विधायक तो बाल-बाल बच गए लेकिन उनकी गाड़ी को उपद्रवी तत्वों ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया.
घटना जिले के बैकुंठपुर के रेवतिथ गांव में सोमवार की देर रात हुई. इस घटना के बाद विधायक मिथिलेश तिवारी बैकुंठपुर थाना पहुंचे और उन्होंने इस मामले में जदयू के बागी प्रत्याशी और पूर्व प्रदेश महासचिव मंजीत सिंह के समर्थकों के ऊपर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है. विधायक आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए बैकुंठपुर थाना परिसर में जमीन पर ही बैठ गए और सैकड़ो समर्थकों के साथ धरना देने लगे. बाद में मौके पर पहुचे सदर एसडीएम और एसडीपीओ के आश्वासन के बाद उनका धरना समाप्त हुआ.
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक मिथिलेश तिवारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी निर्दलीय प्रत्याशी और पूर्व विधायक मंजीत सिंह द्वारा बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में साड़ी और पैसे का वितरण किया जा रहा है. इसी की सूचना उन्होंने जिला प्रशासन को मोबाइल फोन पर दी थी. इस सूचना के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तब वे खुद मामले की जांच करने के लिए और अपने समर्थको से मिलने के लिए रेवतिथ और हकाम गांव के बीच में सड़क से गुजर रहे थे तभी तीस-चालीस बाइक सवार युवक जो पीले रंग का गमछा लिए हुए थे सभी ने उनकी गाड़ी और काफिले को रोक दिया और उनके साथ धक्का-मुक्की करने लगे.
इस धक्का मुक्की के दौरान मंजीत सिंह के समर्थकों ने उनके गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया. जिसकी वजह से उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गयी. लेकिन इस हमले में वे बाल-बाल बच गए. विधायक मिथिलेश तिवारी ने बताया की जब उनके साथ घटना हुई थी तब उनके साथ माइक्रो ओब्सर्बर और सुरक्षा के जवान भी मौजूद थे जिनकी मौजूदगी में यह हमला हुआ है. विधायक ने कहा इसकी सूचना उन्होंने डीएम एसपी के साथ डिप्टी सीएम सुशिल मोदी को भी दे दी है. इस मामले में जब मंजीत से बात की गयी तो उन्होंने इसे विधायक का चुनावी स्टंट बताया. मंजीत सिंह ने कहा कि उन्हें जिला प्रशासन द्वारा विडियोग्राफर और पुलिस फ़ोर्स दी गयी है, वो घटना के दौरान अपने घर पर बैठे थे फिर उनके द्वारा कैसे हमला करवाया जा सकता है.
जदयू के बागी नेता व निर्दलीय प्रत्याशी मंजीत सिंह ने कहा कि भाजपा विधायक का क्षेत्र में बहुत विरोध है इसलिए जगह जगह ऐसे हमले होने पर उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. जिला प्रशासन उनके वीडियो ग्राफर और दिए गए पुलिस जवानों से पूछताछ कर मामले की निष्पक्ष जांच करे.